शिक्षा का झारखंड मॉडल लागू करेगी यूपी सरकार, बेस्ट प्रैक्टिसेज का कर रही अध्‍ययन

Jharkhand. उत्‍तर प्रदेश से आई पांच सदस्‍यीय टीम ने ज्ञानसेतु ई-विद्यावाहिनी आदि कार्यक्रमों की सराहना की है। टीम ने कहा कि राज्य में लागू करने की अनुशंसा करेंगे।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Mon, 20 Jan 2020 07:58 PM (IST) Updated:Mon, 20 Jan 2020 07:58 PM (IST)
शिक्षा का झारखंड मॉडल लागू करेगी यूपी सरकार, बेस्ट प्रैक्टिसेज का कर रही अध्‍ययन
शिक्षा का झारखंड मॉडल लागू करेगी यूपी सरकार, बेस्ट प्रैक्टिसेज का कर रही अध्‍ययन

रांची, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश सरकार झारखंड के सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने को लेकर प्रभावी आधुनिक मॉडल को लागू करेगी। इसे लेकर उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग की पांच सदस्यीय टीम यहां के बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन कर रही है। रामगढ़ तथा रांची के कुछ स्कूलों के भ्रमण तथा राज्य स्तरीय प्रजेंटेशन देखने के बाद टीम ने राज्य में लागू ज्ञानसेतु, ई-विद्यावाहिनी, ऑनलाइन करियर पोर्टल, स्कूलों के सर्टिफिकेशन, टीचर नीड असेसमेंट आदि की सराहना की है।

साथ ही अपने राज्य में भी इसे लागू करने की अनुशंसा करने की बात कही है। टीम में समग्र शिक्षा अभियान, उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ विशेषज्ञ रोहित त्रिपाठी, गुणवत्तापूर्ण यूनिट की विशेषज्ञ शिखा शुक्ला, सलाहकार पीएम अंसारी, एससीईआरटी के सलाहकार शुभ्रांशु उपाध्याय तथा डायट की सपना शर्मा शामिल हैं। टीम कल और परसों जमशेदपुर और बोकारो में भी स्कूलों का भ्रमण करेगी। टीम ने सोमवार को झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के सभागार में राज्य स्तरीय पावर प्रजेंटेशन देखा।

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह ने टीम को बताया कि ज्ञानसेतु कार्यक्रम के तहत राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों के बच्चों में बुनियादी दक्षता बढ़ाने का काम किया है। इसका परिणाम भी आया है। उनके अनुसार, सबसे बड़ी चुनौती बच्चों को कक्षा के अनुरूप दक्षता हासिल कराने की है। राज्य परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह ने ई-विद्यावाहिनी से ऑनलाइन रिपोर्ट मंगाने व मॉनीटरिंग की विस्तृत जानकारी दी।

प्रजेंटेशन देखने के बाद टीम के सदस्य पीएम अंसारी ने दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा कि झारखंड में सरकारी स्कूलों के बच्चों के लर्निंग आउटकम बढ़ाने में निश्चित रूप से अच्छा काम हुआ है। उन्होंने स्कूलों में बच्चों से बात कर यह महसूस भी किया। ज्ञानसेतु कार्यक्रम, ई-विद्यावाहिनी के अलावा टीचर नीड असेसमेंट के आधार पर शिक्षकों को उनकी जरूरत के अनुसार प्रशिक्षण देना बेहतर प्रयास है। उनके अनुसार, यूपी सरकार भी इन कार्यक्रमों को चलाने के लिए इच्छुक है और इस दिशा में प्रयास हो रहा है। टीम वहां जाकर झारखंड के बेस्ट प्रैक्टिसेज को लेकर सरकार को रिपोर्ट देगी ताकि इसे बेहतर ढंग से वहां भी लागू किया जा सके।

स्कूलों की ऑनलाइन मानीटरिंग

ई-विद्यावाहिनी के तहत स्कूलों की शैक्षणिक व प्रशासनिक गतिविधियों की ऑनलाइन मानीटरिंग होती है। स्कूलों को दिए गए टैब के माध्यम से शिक्षकों तथा बच्चों की उपस्थिति, मिड डे मील व अन्य गतिविधियों की रिपोर्ट भेजी जाती है। डैश बोर्ड पर सभी डाटा उपलब्ध होते हैं।

पहली बार बच्चों को वर्क बुक

ज्ञानसेतु कार्यक्रम के तहत शिक्षक बच्चों को ऐसी विधियों से पठन-पाठन कराते हैं, जिससे बच्चों का लर्निंग आउटकम बढ़े। इसके तहत पहली बार बच्चों को वर्क बुक तथा शिक्षकों को मार्गदर्शिका दिए जा रहे हैं। बच्चों के लर्निंग आउटकम बढ़ाने के लिए विशेष कक्षाएं संचालित होती हैं।

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