मौलाना आजाद कॉलेज में फीस बढ़ोतरी के विरोध में छात्रों ने की तालाबंदी, दिया धरना

Jharkhand News रांची में मौलाना आजाद कॉलेज के मुख्य द्वार के समक्ष छात्र संघ और विद्यार्थियों ने धरना दिया। विद्यार्थी फीस बढ़ोतरी को वापस करने की मांग कर रहे हैं। छात्र संघ को इस मामले पर उचित फैसला लेने का आश्वासन मिलने पर धरना कार्यक्रम को वापस लिया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Mon, 23 Nov 2020 03:43 PM (IST) Updated:Mon, 23 Nov 2020 03:47 PM (IST)
मौलाना आजाद कॉलेज में फीस बढ़ोतरी के विरोध में छात्रों ने की तालाबंदी, दिया धरना
काॅलेज के बाहर धरना पर बैठे विद्यार्थी। जागरण

रांची, जासं। रांची के मौलाना आजाद कॉलेज में फीस बढ़ोतरी के विरोध में विद्यार्थियों ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कॉलेज में तालाबंदी की। विद्यार्थियों का आरोप है कि इंटरमीडिएट और ग्रेजुएशन में फीस में अचानक बढ़ोतरी कर दी गई है। जबकि पिछले वर्ष ग्रेजुएशन के फर्स्ट सेमेस्टर में 2850 रुपये लगते थे, पर अब 4400 रुपये लग रहे हैं। इंटरमीडिएट में नामांकन को लेकर 1 माह पहले तक 2550 लगते थे लेकिन अब उनसे 3500 रुपये लिया जा रहा है।

व्यवस्था के विरोध में मौलाना आजाद कॉलेज में मौलाना छात्र संघ, झारखंड छात्र कल्याण परिषद और एमएसएफ संगठनों ने मिलकर कॉलेज के मुख्य द्वार पर धरना-प्रदर्शन किया। छात्र संघ के इकबाल खान ने कॉलेज प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि फीस बढ़ोतरी का फैसला उचित नहीं है। कॉलेज प्रबंधन विद्यार्थियों के हित में काम नहीं कर रहा है। अचानक फीस में हुई वृद्धि से विद्यार्थियों को काफी परेशानी हो रही है। हालांकि कुछ घंटे बाद छात्र संघ ने अपना धरना वापस ले लिया।

छात्र संघ को इस मामले पर उचित फैसला लेने का आश्वासन मिलने पर धरना कार्यक्रम को वापस लिया गया। कॉलेज की प्राचार्य अनिता सिन्हा ने बताया कि छात्र संघ द्वारा लगाए गए आरोप गलत हैं। फीस बढ़ोतरी के मामले में सिर्फ 600 रुपये की वृद्धि की गई है। 1000 और 1600 रुपये की वृद्धि नहीं की गई है। कॉलेज में अगर फीस बढ़ोतरी भी नहीं की जाएगी तो कॉलेज के शिक्षकों को वेतन कैसे मिलेगा।

क्योंकि पहले से ही कॉलेज में विद्यार्थियों की संख्या कम है और दूसरे कॉलेजों की तुलना में फीस भी काफी कम है ऐसे में यह कहना कि कॉलेज में फीस अधिक बढ़ाई गई है तो यह गलत है। अंजुमन इस्लामिया द्वारा यह फैसला लिया गया है। कॉलेज प्रबंधन इस दिशा में कोई फैसला नहीं लेता है। धरना-प्रदर्शन में शाहबाज हुसैन, आलम, अबू सैफ सहित अन्य उपस्थित थे।

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