भूखे पेट ड्यूटी कर रहे झारखंड के 70 हजार पुलिसकर्मी

Jharkhand Police. अपनी सात सूत्री मांगों को लेकर आंदोलित झारखंड के 70 हजार पुलिसकर्मी आंदोलन पर डटे हैं।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Wed, 20 Feb 2019 10:22 AM (IST) Updated:Wed, 20 Feb 2019 02:47 PM (IST)
भूखे पेट ड्यूटी कर रहे झारखंड के 70 हजार पुलिसकर्मी
भूखे पेट ड्यूटी कर रहे झारखंड के 70 हजार पुलिसकर्मी

रांची, राज्य ब्यूरो। सड़कों-बीहड़ों और शहराें के चौक-चौराहे से लेकर गली-कूचों में दिनभर खाक छानने वाले झारखंड के 70 हजार पुलिसकर्मी बुधवार को भूखे पेट अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। सरकार से विरोध जताते हुए अपनी सात सूत्री मांगों को लेकर आंदोलित झारखंड पुलिस एसोसिएशन, झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन व झारखंड पुलिस चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ के आह्वान पर पुलिसकर्मियों ने दिनभर खाना न खाकर भूखे रहने की ठानी है। आंदोलनरत पुलिसवालों में राज्यभर के चतुर्थवर्गीय पुलिसकर्मी से लेकर इंस्पेक्टर स्तर तक के पदाधिकारी शामिल हैं। जो जहां कार्यरत हैं, वहीं पर भूखे पेट ड्यूटी कर रहे हैं।

बताया गया कि सभी पुलिसकर्मी उपवास पर रहकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ताकि उनकी मांगों पर सरकार की ओर से सहानूभूतिपूर्वक विचार किया जाए। इसके बाद भी उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो 28 फरवरी से तीनों संघों के बैनर तले सभी पुलिसकर्मी पांच दिवसीय सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे। गौरतलब है कि अपनी मांगों को लेकर प्रथम चरण में राज्यभर के ये सभी पुलिसकर्मियों ने12 फरवरी से 14 फरवरी तक काला बिल्ला लगाकर ड्यूटी किया था। अब तक उनकी मांगों पर सरकार के स्तर पर कोई विचार नहीं किया जा सका है।

क्या है पुलिसकर्मियों की सात सूत्री मांगें
- सीमित विभागीय प्रतियोगिता परीक्षा नियमावली को बिना कोई परीक्षा लिए समाप्त किया जाए।
-13 माह का वेतन देने के आश्वासन को पूरा किया जाए।
-सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप पुलिसकर्मियों के भत्तों  को पुनरीक्षित दर से दिया जाय।
-एसीपी-एमएसीपी मामले का शीघ्र निपटारा किया जाए एवं इसकी गणना नियुक्ति की तिथि से की जाए।
-शहीद-मृत पुलिसकर्मियों के आश्रित को नौकरी के लिए अधिकतम उम्र सीमा को शिथिल करने की छूट और आश्रित परिजन को मिलने वाली राशि में से 25 फीसद उनके माता-पिता को दी जाए।
-नई पेंशन नियमावली की जगह पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए।
-वरीय पुलिस पदाधिकारी की तरह ही कनीय पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों को भी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया जाए व इसकी नियमावली को सरल बनाया जाए। 

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