राज्यसभा चुनाव: भाजपा जीत की ओर, कांग्रेस में गुत्‍थमगुत्‍थी; मुकाबले के लिए चाहिए 27 वोट

आजसू और निर्दलीय अमित महतो को साथ लाने में भाजपा ने सफलता पाई है। जबकि पिता फुरकान अंसारी को प्रत्याशी नहीं बनाने पर कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी पार्टी पर बुरी तरह बिफर गए हैं।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Sat, 14 Mar 2020 06:17 AM (IST) Updated:Sat, 14 Mar 2020 02:51 PM (IST)
राज्यसभा चुनाव: भाजपा जीत की ओर, कांग्रेस में गुत्‍थमगुत्‍थी; मुकाबले के लिए चाहिए 27 वोट
राज्यसभा चुनाव: भाजपा जीत की ओर, कांग्रेस में गुत्‍थमगुत्‍थी; मुकाबले के लिए चाहिए 27 वोट

रांची, राज्य ब्यूरो। Rajya Sabha Election 2020 झारखंड से राज्यसभा की रिक्त हो रही दो सीटों के लिए तीन प्रत्याशी भले भिड़ रहे हों, लेकिन कांग्रेस के लिए बेहतर आसार नहीं दिख रहे हैैं। हालांकि सत्ताधारी महागठबंधन के नेता जीत के लिए आंकड़ा जुटा लेने का दावा कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के अनुसार रणनीति का खुलासा समय पर होगा, लेकिन नामांकन पत्र में भाजपा के प्रस्तावकों में आजसू के लंबोदर महतो और निर्दलीय अमित यादव के हस्ताक्षर से यह स्पष्ट है कि प्रत्याशी दीपक प्रकाश का पलड़ा भारी है।

बताते चलें कि भाजपा के विधायकों की संख्या 26 (बाबूलाल को मिलाकर) है। आजसू के दो विधायकों और निर्दलीय अमित यादव के वोट मिलाकर प्रथम वरीयता के वोट से भाजपा प्रत्याशी की जीत दिख रही है। जबकि कांग्रेस के पास जीत का जादुई आंकड़ा नहीं है। कांग्रेस के पास 16 विधायक हैैं। प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को मिलाकर यह संख्या 18 हो सकती है। इसके बाद झामुमो के दो और राजद के एक विधायक का वोट मिलाकर यह संख्या 21 तक जाती है। इसके बाद भी छह वोटों का जुगाड़ करना कांग्रेस के लिए बहुत मुश्किल है। भाजपा विधायक विरंची नारायण के मुताबिक हमारे पास संख्या बल पर्याप्त है और सिर्फ हार्स ट्रेडिंग को बढ़ावा देने के लिए कांग्रेस ने प्रत्याशी उतारा है।

उधर राज्यसभा टिकट की आस लगाए पूर्व सांसद फुरकान अंसारी को निराशा हाथ लगी है। उनके पुत्र विधायक इरफान अंसारी इससे खासे नाराज हैैं और उन्होंने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पर अपना सारा गुस्सा उतारा है। उन्होंने कहा कि यह उनके परिवार के साथ भद्दा मजाक है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह ने प्रत्याशी उतारा है तो वही जिताएंगे। उन्हें यहां आना चाहिए और प्रत्याशी की जीत के लिए काम करना चाहिए। दावा किया कि वे पार्टी के अनुशासित सिपाही हैं और सोनिया गांधी व राहुल गांधी को सर्वोपरि मानते हैैं। वे उनसे मिलकर सारी बातें बताएंगे। उन्होंने तंज कसा कि प्रत्याशी देने से क्या होगा, जीत तो वैसे भी नहीं रहे हैैं।

जीत के लिए प्रथम वरीयता के 27 वोट चाहिए

झारखंड से राज्यसभा की एक सीट निकालने के लिए किसी भी दल को 27 विधायकों के समर्थन की जरुरत होगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका सीट छोड़ रखी है। ऐसी स्थिति में झारखंड विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 80 है। यदि 81 सीटें होती तो एक सीट जीतने के लिए 28 विधायकों का प्रथम वरीयता का मत आवश्यक होता।

भाजपा हार्स ट्रेडिंग को देती है बढ़ावा - बन्ना

मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में दोनों सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशी जीत दर्ज करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा की मंशा हार्स ट्रेडिंग की है। पहले भी इसके उदाहरण रहे हैैं। कई विधायकों के खिलाफ केस भी चल रहे हैैं। 

विधानसभा की दलगत स्थिति

झामुमो : 29

भाजपा : 25

कांग्रेस : 16

झाविमो : 03

राजद :  01

आजसू : 02

निर्दलीय : 02

एनसीपी : 01

भाकपा माले : 01

नोट : झामुमो ने 30 सीटों पर जीत हासिल की थी लेकिन हेमंत सोरेन के दुमका सीट छोडऩे के कारण पार्टी के विधायकों की मौजूदा संख्या 29 रह गई है।

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