तालाबों की सफाई के नाम पर खानापूर्ति कर रहा नगर निगम

रांची तालाबों की सफाई के नाम पर रांची नगर निगम सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Oct 2019 02:06 AM (IST) Updated:Tue, 15 Oct 2019 02:06 AM (IST)
तालाबों की सफाई के नाम पर खानापूर्ति कर रहा नगर निगम
तालाबों की सफाई के नाम पर खानापूर्ति कर रहा नगर निगम

जागरण संवाददाता, रांची : तालाबों की सफाई के नाम पर रांची नगर निगम सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है। सोमवार को बड़ा तालाब में फैली गंदगी को साफ करने के लिए मात्र 15 सफाईकर्मी लगाए गए। जबकि चडरी तालाब की सफाई के लिए मात्र पांच सफाईकर्मी। बड़ा तालाब की सफाई कर रही महिला सफाईकर्मी भी सफाई कार्य के प्रति लापरवाह हैं। पुरूष सफाईकर्मी भी दिनभर तालाब क्षेत्र में लगाए गए रेड रिबन को समेटते रहे। बड़ा तालाब जलकुंभी से भरा पड़ा है। फिर भी तालाब की सफाई के लिए पर्याप्त सफाईकर्मी नहीं लगाए गए हैं। सफाईकर्मियों को तालाब से जलकुंभी निकालने के लिए आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। सिर्फ बांस के सहारे सफाईकर्मी पिछले तीन दिनों से जलकुंभी निकाल रहे हैं। इधर, चडरी तालाब की सफाई कार्य में लगी महिला सफाईकर्मी भी दिनभर तालाब परिसर में बैठी रही। तालाब के किनारे पूजा सामग्रियों के ढेर जगह-जगह फैले हुए हैं। फिर भी सफाईकर्मियों ने कोई कार्य नहीं किया। इधर, जेल तालाब में पानी के अंदर लंबे-लंबे घास भरे पड़े हैं। तेतर टोली तालाब का पानी भी गंदा हो चुका है। स्थानीय लोग इस तालाब में बेखौफ कपड़े व गाड़ियों की धुलाई से लेकर स्नान तक कर रहे हैं। दिव्यायन तालाब का पानी साफ है। लेकिन आसपास के लोग इस तालाब में गंदे कपड़े की धुलाई कर रहे हैं। जोड़ा तालाब की स्थिति भी अच्छी नहीं है। ठेकेदार ने अब तक तालाब के सुंदरीकरण व जीर्णोदार का काम पूरा नहीं किया। तालाब से जुड़े छोटा तालाब घास से भरा पड़ा है। तालाब में एक बूंद पानी नहीं है।

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कई तालाबों में नहीं है पानी, छठव्रती परेशान

शहर के कई तालाबों में इस वर्ष पानी नहीं है। तालाब के किनारे घास भरे पड़े हैं। तालाब की स्थिति देख छठव्रती भी परेशान हैं। प्रियंका सिंह ने बताया कि वह हर वर्ष छठ करने प्रगति पथ स्थित नायक तालाब जाती हैं। इस वर्ष तालाब में पानी नहीं है। उन्हें छठ करने के लिए अब किसी दूसरे तालाब की तलाश करनी होगी। पवन किशोर ने बताया कि वे अपने परिवार के साथ छठ करने के लिए वे हर वर्ष कडरू तालाब जाते हैं। इस वर्ष तालाब का जलस्तर काफी कम है। इस वर्ष इस तालाब में छठ करना संभव नहीं है। बनस तालाब व कोकर स्थित तिरिल तालाब की स्थिति भी कमोबेश ऐसी ही है। तालाब में पानी नहीं होने के कारण छठव्रती आसपास के अन्य तालाबों में छठ करने का मन बना रहे हैं।

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