हजारीबाग के नाबालिग छात्रों ने स्कूल से निकाले जाने को हाई कोर्ट में दी चुनौती

रांची हजारीबाग के सेंट जेवियर स्कूल से नाबालिग छात्रों के निष्कासन के आदेश के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। छात्रों की ओर से हाई कोर्ट की अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने याचिका दाखिल की है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Jul 2020 01:08 AM (IST) Updated:Sun, 26 Jul 2020 01:08 AM (IST)
हजारीबाग के नाबालिग छात्रों ने स्कूल से निकाले जाने को हाई कोर्ट में दी चुनौती
हजारीबाग के नाबालिग छात्रों ने स्कूल से निकाले जाने को हाई कोर्ट में दी चुनौती

रांची : हजारीबाग के सेंट जेवियर स्कूल से नाबालिग छात्रों के निष्कासन के आदेश के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। छात्रों की ओर से हाई कोर्ट की अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने याचिका दाखिल की है। उन्होंने बताया कि सेंट जेवियर स्कूल की कक्षा दो से लेकर सात कक्षा के कुल सात छात्रों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सेंट जेवियर स्कूल प्रबंधन को निर्देश देने की मांग की है कि उन्हें अगली कक्षा में प्रोन्नति दिए जाने, विद्यालय से निष्कासित नहीं करने और ऑनलाइन कोर्स में शामिल होने की अनुमति दी जाए।

याचिका में सुप्रीम कोर्ट व कई हाई कोर्ट के आदेशों का हवाला दिया गया है। इसके अलावा याचिका में कहा गया है कि आरटीई एक्ट और संविधान के अनुच्छेद 21 (ए) में नाबालिग बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त है। ऐसे में वर्तमान हालात (कोविड-19 महामारी) के निर्देशों के आलोक में न तो छात्रों को उनकी कक्षा में रोका जा सकता है और न ही उन्हें निष्कासित किया जाना उचित है। अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने बताया कि यूएनओ के रिसर्च में यह स्पष्ट है कि नाबालिग छात्रों को उनकी कक्षा में रोकना और विद्यालय से निष्कासित करने का कुप्रभाव उनके भविष्य पर पड़ता है। दरअसल, स्कूल प्रबंधन ने इन छात्रों को यह कहते हुए स्कूल से निष्कासित करने का आदेश दिया है कि इनके खिलाफ शिकायतें मिली थी, जिसके कारण उन्हें अगली कक्षा में प्रोन्नति न देते हुए उनके अभिभावकों से कहा गया कि स्कूल से छात्रों को निकाल लें। इस आदेश से करीब सौ से ज्यादा छात्र प्रभावित हुए हैं।

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