University Exams 2020: राज्यपाल का विश्‍वविद्यालयों को निर्देश, यूजीसी गाइडलाइन से लें परीक्षा

University Exams 2020 राज्यपाल ने कॉलेज शिक्षकों की प्रोन्नति में हो रही देरी पर नाराजगी प्रकट की। जेपीएससी के अध्यक्ष सुधीर त्रिपाठी को शीघ्र निष्पादन निर्देश दिया।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Fri, 24 Jul 2020 04:24 PM (IST) Updated:Sat, 25 Jul 2020 05:56 PM (IST)
University Exams 2020: राज्यपाल का विश्‍वविद्यालयों को निर्देश, यूजीसी गाइडलाइन से लें परीक्षा
University Exams 2020: राज्यपाल का विश्‍वविद्यालयों को निर्देश, यूजीसी गाइडलाइन से लें परीक्षा

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। University Exams 2020 राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार को राज्य के विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति तथा पूर्व से कार्य कर रहे शिक्षकों की प्रोन्नति नहीं होने पर खिन्न दिखीं। कहा, जब कॉलेजों में शिक्षक ही नहीं रहेंगे तो ऑनलाइन क्या, ऑफलाइन शिक्षा भी विद्यार्थियों को नहीं दे पाएंगे। विश्वविद्यालयों के कुलपतियों तथा झारखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग करते हुए उन्होंने राज्य के कॉलेजों में छात्र-शिक्षक रेशियो बदतर होने पर चिंता जताते हुए कहा कि ऐसे कारणों से ही केंद्र की रैंकिंग में झारखंड के कॉलेज और विश्वविद्यालय कहीं नहीं टिक पाते। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। केंद्र द्वारा की गई रेंकिंग में टॉप सौ कॉलेज या विश्वविद्यालय में एक भी झारखंड के सरकारी कॉलेज या विश्वविद्यालय नहीं है।

यूजीसी की गाइडलान के अनुसार समय पर ऑनलाइन या ऑफलाइन परीक्षा लेने के निर्देश

राज्यपाल ने सभी कुलपतियों को यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों परीक्षाएं समय पर लेने का निर्देश दिया। हालांकि विश्वविद्यालयों की अबतक की तैयारियों से राज्यपाल संतुष्ट नहीं दिखीं। बता दें कि यूजीसी ने कॉलेजों को 30 सितंबर तक सेमेस्टर तथा अंतिम वर्ष की परीक्षा लेने का निर्देश दिया है। कोरोना के कारण कॉलेजों के बंद होने पर विद्यार्थियों को दी जा रही ऑनलाइन शिक्षा की भी जानकारी ली। उन्होंने कॉलेजों में छात्र-छात्राओं को दी जा रही ऑनलाइन शिक्षा की सराहना तो की, लेकिन चिंता भी जताई कि इसका लाभ सुदूर क्षेत्र के विद्यार्थियों को नहीं मिल रहा है।

राज्‍यपाल ने कहा, कई विद्यार्थियों के पास स्मार्ट फोन भी नहीं हो सकते। विश्वविद्यालयों को इनकी भी चिंता करनी चाहिए। उन्होंने ऑनलाइन शिक्षा में सारी तकनीक का सहयोग लेने का निर्देश दिया। कोरोना को लेकर सत्र में हो रही देरी का भी हल निकालने का निर्देश कुलपतियों को दिया। राज्यपाल ने कॉलेजों में शिक्षकों की प्रोन्नति में हो रही देरी पर काफी नाराजगी प्रकट की।

शिक्षकों की नियुक्ति और प्रोन्नति में देरी पर जेपीएससी को भी कठघरे में खड़ा किया

जेपीएससी के अध्यक्ष सुधीर त्रिपाठी को निर्देश दिया कि प्रोन्नति के जिन मामलों में विशेषज्ञ की आवश्यकता नहीं है, उनका शीघ्र निष्पादन करें। वहीं, कुलपतियों को भी निर्देश दिया कि प्रोन्नति के जिन मामले को त्रुटि सुधार के लिए जेपीएससी ने लौटाया है, उनमें एक माह के भीतर सुधार कर जेपीएससी को भेजें ताकि संबंधित शिक्षकों को समय पर प्रोन्नति मिल सके। जेपीएससी अध्यक्ष को शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया भी शीघ्र पूरी करने का निर्देश दिया।

राज्यपाल ने पूछा, ऑडिट से क्यों भागते हैं विश्वविद्यालय

राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों द्वारा महालेखाकार से ऑडिट नहीं कराने पर भी नाराजगी प्रकट की। कुलपतियों से पूछा कि विश्वविद्यालय इससे क्यों भागते हैं? उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों को अनिवार्य रूप से महालेखाकार से शीघ्र ऑडिट कराने का भी निर्देश दिया। उन्होंने उच्च तथा तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव शैलेश कुमार सिंह को इसकी मॉनीटिरिंग करने का निर्देश दिया। बता दें कि लगभग सभी विश्वविद्यालय में वर्षों से ऑडिट नहीं हुआ है।

काेरोना में घंटी आधारित शिक्षकों को मानदेय जरूरी

राज्यपाल ने कोरोना को देखते हुए सभी घंटी आधारित शिक्षकों को एक निश्चित मानदेय का भुगतान का भी आदेश कुलपतियों को दिया। कहा कि कॉलेजों में अभी कक्षाएं बंद होने से उनके सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। उन्होंने मानदेय में सभी विश्वविद्यालयों में एकरूपता लाने का भी निर्देश दिया।

एनआइसी से दूर करें चांसलर पोर्टल की समस्या

कुलपतियों ने चांसलर पोर्टल के माध्यम से नामांकन में आ रही परेशानी को भी राज्यपाल से साझा किया। इसपर राज्यपाल ने एनआइसी से संपर्क कर उसका समाधान निकालने का निर्देश दिया।

शिक्षकों व कर्मियों को समय पर दें पेंशन

राज्यपाल ने सभी कुलपतियों को सेवानवृित्त हो चुके या होनेवाले शिक्षकों एवं कर्मियों को समय पर सेवानिवृत्ति का लाभ देने का निर्देश दिया। कहा कि यह उनका वाजिब हक है और उन्हें हर हाल पर मिलना चाहिए।

झारखंड के कॉलेजों में सबसे कम शिक्षक

पूरे देश में झारखंड के कॉलेजों में सबसे कम शिक्षक उपलब्ध हैं। स्थिति यह है कि यहां के विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में 73 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक उपलबध हैं। शिक्षक-छात्र का यह अनुपात सबसे बदतर झारखंड में है। झारखंड के बाद सबसे खराब स्थिति बिहार की है, जहां 66 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक उपलब्ध हैं।

यह है झारखंड में शिक्षक-छात्र के अनुपात की स्थिति

संस्थानों की कोटि भारत झारखंड उच्च शिक्षा (ओवर ऑल) 24 56 कॉलेज एवं विश्वविद्यालय 29 66

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