सार्थक फिल्में ही बनाएंगे : प्रेम मोदी

नवीन शर्मा, रांची :अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में पहुंचे दुमका के रहने वाले प्रेम मोदी की फिल्म पंच

By JagranEdited By: Publish:Sat, 26 May 2018 07:49 PM (IST) Updated:Sat, 26 May 2018 07:49 PM (IST)
सार्थक फिल्में ही बनाएंगे : प्रेम मोदी
सार्थक फिल्में ही बनाएंगे : प्रेम मोदी

नवीन शर्मा, रांची :अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में पहुंचे दुमका के रहने वाले प्रेम मोदी की फिल्म पंचलैट शनिवार को दिखाई जाएगी। यह फिल्म फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी पंचलाइट पर बनी है। यह कहानी गांव के महतो टोले की है, जहां लोग चंदा जमाकर शहर से पेट्रोमैक्स खरीद कर लाते हैं। गांव इतना पिछड़ा है कि किसी ने पेट्रोमैक्स देखा तक नहीं होता है और वह उनके लिए अजूबे के समान है। यहां तक किसी को भी पेट्रोमैक्स जलाना तक नहीं आता है। बस गांव का एक लड़का जो शहर से लौटा था, उसे पेट्रोमैक्स जलाना आता है। इसमें गांव की पंचायत की राजनीति को बहुत ही विश्वसनीय ढंग से दिखाया गया है। फिल्म के निर्देशक प्रेम मोदी बताते हैं कि रेणु उनके प्रिय साहित्यकार हैं। उनकी कहानी पंचलाइट उन्हें काफी पसंद आई थी इसलिए इस पर फिल्म बनाई थी। यह फिल्म उस धारा का प्रतिनिधित्व करती है, जिसे हम सार्थक सिनेमा कहते हैं।

देवघर और दुमका में हुई थी शूटिंग

प्रेम बताते हैं कि पंचलैट की शूटिंग देवघर और दुमका में की थी। इसकी शूटिंग 32 दिनों तक चली थी। इस तरह की फिल्मों को पूरे देश में रिलीज कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके बाद फिल्मों को शो भी काफी कम मिलते हैं। कई बार एक शो मिलता है, वह भी रात दस बजे का। इस वजह से भी ऐसी फिल्मों को दर्शकों तक पहुंचने में परेशानी होती है। यह पूछने पर कि आज बायोपिक फिल्मों का दौर चल रहा है और आप किस पर बायोपिक बनाना पसंद करेंगे। इस पर प्रेम कहते हैं कि खुद रेणु का जीवन भी काफी रोचक है। उसमें कई रंग हैं। उन पर भी बायोपिक बनाई जा सकती है।

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