Electricity Crisis: कोडरमा, हजारीबाग व रामगढ़ में बिजली संकट... डीवीसी थर्मल पावर स्टेशन का बायलर ट्यूब लीकेज

Electricity Crisis in Jharkhand डीवीसी के कोडरमा थर्मल पावर स्टेशन के एक यूनिट का बायलर लीकेज होने से भयंकर बिजली संकट है। खासकर कोडरमा हजारीबाग व रामगढ़ में इसका सर्वाधिक प्रभाव है। झुमरीतिलैया में हर आधे-एक घंटे के बाद दो-तीन घंटे की लोड शेडिंग हो रही है।

By Sanjay KumarEdited By: Publish:Wed, 29 Jun 2022 12:14 PM (IST) Updated:Wed, 29 Jun 2022 12:14 PM (IST)
Electricity Crisis: कोडरमा, हजारीबाग व रामगढ़ में बिजली संकट... डीवीसी थर्मल पावर स्टेशन का बायलर ट्यूब लीकेज
Electricity Crisis in Jharkhand: कोडरमा, हजारीबाग व रामगढ़ में बिजली संकट।

कोडरमा, जासं। Electricity Crisis in Jharkhand डीवीसी के कोडरमा थर्मल पावर स्टेशन के एक यूनिट का बायलर लीकेज होने से डीवीसी के कमांड एरिया में भयंकर बिजली संकट है। खासकर कोडरमा, हजारीबाग व रामगढ़ में इसका सर्वाधिक प्रभाव है। सोमवार सुबह से केटीपीएस के एक यूनिट का बायलर ट्यूब लीकेज होने से यहां 500 मेगावाट बिजली उत्पादन ठप है। इससे डीवीसी के कमांड एरिया में पावर की समस्या है।

झुमरीतिलैया शहर में सीधे केटीपीएस से 25 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती है। उत्पादन की समस्या को देखते हुए इसमें पूरी कटौती कर दी गई है। ऐसे में यहां सर्वाधिक समस्या है। हर आधे-एक घंटे के बाद दो-तीन घंटे की लोड शेडिंग डीवीसी से हो रही है। इससे इस उमस भरी गर्मी में लोग बेहाल है।

इधर, डीवीसी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बायलर ट्यूब में लीकेज को ढूंढ लिया गया है, लेकिन इसकी मरम्मती के बाद एसआर टेस्टिंग में ओके होने के बाद ही उत्पादन शुरू सकेगा। बायलर में काफी ऊंचाई पर लीकेज होने से इसे दुरुस्त करने में दिक्कत आ रही है। अधिकारियों के अनुसार इसमें लगभग 24 घंटा समय लग सकता है। इसके बाद ही विद्युतआपूर्ति की समस्या दूर होगी।

इधर झुमरीतिलैया शहर में पिछले तीन दिनों से बमुश्किल 4-5 घंटे ही बिजली की आपूर्ति हो रही है। इससे लोगों की परेशानी चौतरफा बढ़ गई है। उमस भरी गर्मी में बिजली समस्या से परेशान दर्जनों लोग मंगलवार की सुबह झुमरीतिलैया विद्युत प्रमंडल कार्यालय पहुंच गए। यहां अधिकारियों ने इन्हें डीवीसी की समस्या बताकर शांत किया।

वहीं बिजली समस्या के कारण तीन दिनों से पेयजलापूर्ति भी ठप है। आम जनजीवन के साथ-साथ व्यापारिक गतिविधियों पर भी इसका काफी प्रभाव दिख रहा है। सारा कारोबार जेनरेटर पर आश्रित होने के कारण दुकान, शोरूम, रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हाल, छोटे उद्यम वाले खासतौर पर परेशान हैं। वहीं समस्या को लेकर आम इनटरनेट मीडिया पर सरकार व जनप्रतिनिधियों के प्रति भड़ास निका रहे हैं।

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