Lalu Yadav: गरीब-गुरबों के नेता लालू की खातिरदारी में रिम्स के 18 कमरे खाली, आम आदमी फर्श पर

Lalu Prasad Yadav गरीब-गुरबों के मसीहा कहे जाने वाले लालू प्रसाद यादव की खातिरदारी में रिम्‍स में 18 कमरे यूं ही खाली रखे गए हैं। इधर लालू की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Sat, 25 Jul 2020 10:58 PM (IST) Updated:Sun, 26 Jul 2020 11:26 PM (IST)
Lalu Yadav: गरीब-गुरबों के नेता लालू की खातिरदारी में रिम्स के 18 कमरे खाली, आम आदमी फर्श पर
Lalu Yadav: गरीब-गुरबों के नेता लालू की खातिरदारी में रिम्स के 18 कमरे खाली, आम आदमी फर्श पर

रांची, राज्य ब्यूरो। Lalu Prasad Yadav राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। इससे उनके परिजनों और शुभचिंतकों ने राहत की सांस ली। रविवार को रांची के रिम्‍स में लालू की कोरोना जांच रिपोर्ट जारी की गई, इसमें उन्‍हें कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्‍त बताया गया है। रिम्‍स में बड़े पैमाने पर कोरोना संक्रमण फैलने के बाद लालू की कोरोना जांच शनिवार को कराई गई। रिम्‍स में लालू की देखरेख कर रहे चिकित्‍सकों ने बताया कि लालू की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव है। वे संक्रमण के खतरे से बाहर हैं।

18 कमरे यूं ही खाली रखे गए हैं लालू की खातिरदारी में

इधर झारखंड के सबसे बड़े अस्‍पताल रिम्‍स में वार्ड में जगह और बेड की कमी के चलते जहां आम आदमी फर्श पर लेटकर अपनी बीमारी का इलाज करा रहा है। वहीं गरीब-गुरबों के मसीहा कहे जाने वाले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की खातिरदारी में यहां 18 कमरे यूं ही खाली रखे गए हैं। कहा जा रहा है कि लालू को कोराना वायरस संक्रमण से बचाने के लिए यह वीवीआइपी व्‍यवस्‍था की गई है।

अपनी सरकार में बिरसा मुंडा जेल के कैदी लालू यादव का वीवीआइपी ट्रीटमेंट

झारखंड में अपनी महागठबंधन सरकार ने उनके लिए यहां सुरक्षा की ऐसी मुफीद व्यवस्था की है। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्‍स में जहां उनका इलाज चल रहा है, वहां डेढ़ दर्जन यानी कुल 18 कमरे सिर्फ इस आशंका में खाली रखे गए हैं कि कहीं अन्य कोरोना संक्रमित मरीजों से लालू प्रसाद यादव में संक्रमण न फैल जाए। मामले की जानकारी सार्वजनिक होने के बाद रिम्‍स प्रबंधन इस मामले पर सीधे-सीधे कुछ भी कहने से बच रहा है।

अस्‍पतालों में बेड नहीं, इनके लिए पूरा एक वार्ड

मालूम हो कि इन दिनों राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और अस्पतालों में बेड नहीं होने से मरीजों का फर्श पर बेड लगाकर इलाज किया जा रहा है। ऐसे में सियासी दल यह सवाल उठा रहे हैं कि कोरोना वायरस महामारी के इस मुश्किल दौर में चारा घोटाले के चार मामलों के सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव यदि सत्तारुढ़ गठबंधन में शामिल दल, राजद के प्रमुख नहीं होते, तो एक साधारण कैदी की तरह रिम्स में उनका भी इलाज चल रहा होता। लेकिन, सरकार की कृपा से 18 कमरे बेवजह बंद रखे गए हैं। भाजपा विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्‍यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने इस मामले में सीएम हेमंत सोरेन को चिट्ठी लिखी है।

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गरीबों को भेज रहे निजी अस्‍पताल, लालू को सुविधाएं अपार

चारा घोटाला में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के कब्जे में रिम्स के पेइंग वार्ड के 18 कमरे हैं। और इसी रिम्स में बेड नहीं होने का हवाला देकर कोरोना संक्रमित मरीजों को दूसरेे अस्पतालों में शिफ्ट करवाया जा रहा है। जहां सरकारी अस्पताल में कम खर्चे में इलाज हो जाता, वहां बेड की कमी बताकर गरीब मरीजों को निजी अस्पतालों में भेजा जा रहा है। लालू प्रसाद लंबे समय से रिम्स में इलाजरत हैं। उन्हें कई तरह की गंभीर बीमारियां हैं, जिसका यहां इलाज चल रहा है। 

रिम्स में मेडिसिन के दो वार्ड बने कोविड वार्ड

रिम्स में पहले से 100 बेड का कोविड वार्ड था। मरीजों की संख्या 135 पहुंची तो मेडिसिन वार्ड के दो और वार्ड को कोविड वार्ड बना दिया गया है। एक वार्ड में 36 बेड, मतलब कुल 72 बेड और बढ़ा दिया गया है। इस तरह रिम्स में गंभीर कोरोना मरीजों के लिए 172 बेड रखा गया है। कुछ मरीज पेइंग वार्ड में भी इलाजरत हैं, लेकिन लालू प्रसाद के वार्ड में एक भी मरीज नहीं है। 

बाबूलाल ने उठाया सवाल, मुख्यमंत्री को पत्र

लालू प्रसाद यादव की सुरक्षा के नाम पर रिम्स में बंद 18 कमरों पर भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सवाल उठाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस संदर्भ में पत्र लिखकर कहा है कि एक तरफ मरीज बेड के लिए परेशान हो रहे और रिम्स में 18 कमरे बेवजह बंद रखा गया है। आखिर किसकी शह पर ऐसा किया गया है। उन्होंने कहा है कि राज्य में इस महामारी का संक्रमण तेजी से बढ़ा है।

19 कमरों में न्यूनतम 40 मरीजों का हो सकता है इलाज

आलम यह है कि बनाए गए कोविड सेंटरों में बेड तक कम पड़ रहा है। इन 19 कमरों में न्यूनतम 40 मरीजों का तो इलाज हो ही सकता है। यहां जिस प्रकार की अव्यवस्था है, उच्च न्यायालय की टिप्पणी व चिंता भी छोटी लग रही है। उन्होंने कहा कि लालू स्वयं संवेदनशील व्यक्ति हैं। हो सकता है कि यह सब उनके संज्ञान में न हो। मुझे विश्वास है कि जब उन्हें पता चलेगा कि कुछ लोग उनकी सुरक्षा के नाम पर ऐसी मनमानी कर रहे हैं तो वे इन चीजों को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।

बंद कमरों को खुलवाएं सीएम हेमंत सोरेन

उन्होंने कहा कि संभवत: यह आपकी (मुख्यमंत्री) जानकारी में भी नहीं होगा। विश्वास है, आप ऐसे नाजुक मौके पर इस प्रकार की मनमानी की अनदेखी न कर इस मामले में तत्काल संज्ञान लेंगे और बंद कमरों को अविलंब खोलवाकर मरीजों को उपलब्ध कराने का निर्देश संबंधित विभाग को देंगे।

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