वर्चस्व की लड़ाई में डब्लू सिंह गिरोह ने की गैंगस्टर कुणाल की हत्या

मेदिनीनगर पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर के अघोर आश्रम रोड में दिन दहाड़े गैंगस्टर कुणाल किशोर सिंह की हत्या के बाद पलामू में दहशत का माहौल है। पुलिस पूरी तरह सक्रिय हो गई है। घटना के बाद एसडीपीओ के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Jun 2020 07:01 PM (IST) Updated:Wed, 03 Jun 2020 07:01 PM (IST)
वर्चस्व की लड़ाई में डब्लू सिंह गिरोह ने की गैंगस्टर कुणाल की हत्या
वर्चस्व की लड़ाई में डब्लू सिंह गिरोह ने की गैंगस्टर कुणाल की हत्या

संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर : पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर के अघौर आश्रम के निकट मुख्य सड़क पर बुधवार की सुबह गैंगस्टर कुणाल किशोर सिंह की हत्या के बाद पलामू में दहशत का माहौल है। पुलिस पूरी तरह सक्रिय हो गई है। घटना के बाद एसडीपीओ संदीप कुमार गुप्ता के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया। साथ ही तीन विशेष छापेमारी टीम भी गठित की गई है। एसडीपीओ संदीप कुमार गुप्ता के मुताबिक गोलीकांड में प्रदिद्वंदी डब्लू सिंह गिरोह की संलिप्तता बताई जाती है। प्रथम²ष्टया प्रतीत होता है कि वर्चस्त की लड़ाई को लेकर प्रतिद्वंदी गिरोह ने घटना को अंजाम दिया है। तीप को हिरासत में लिया गया हे। पुलिस के अनुसार कुणाल पिछले कई दिनों से बीसफुट्टा पुल के पास फिजियोथरेपी के लिए जाते थे। हर दिन की तरह बुधवार की सुबह भी अकेले बिसफुट्टा पुलिस की ओर जा रहे थे। इसी बीच विपरीत दिशा से आ रही सफारी ने कुणाल की कार को बुरी तरह धक्का मारी। अपराधी इसे दुघर्टना का रूप देना चाहते थे। हालांकि टक्कर लगने के कारण कुणाल के कार का एयर बैग खुला। अपराधी सफारी से उतरे और गोलियां चलानी शुरू कर दी। इसमें कुणाल सिंह की मौत हो गई। पुलिस अलग-अलग बिदुओं पर मामले की तहकीकात कर रही है। मालूम हो कि कुणाल किशोर सिंह छतरपुर थाना क्षेत्र कुरकुट्टा गांव निवासी सिद्धेश्वर सिंह के 35 वर्षीय पुत्र थे। वे फिलहाल शहर थाना क्षेत्र अंतर्गत पुलिस लाइन के पीछे हमीदगंज में रहते थे। बाक्स..बॉबी खान हत्याकांड समेत पलामू व रांची में दर्ज है 12 मामले

मेदिनीनगर : गैंगस्टर कुणाल किशोर सिंह के खिलाफ झारखंड व बिहार के विभिन्न जिलों में दर्जनाधिक मामले दर्ज हैं। झारखंड के महज पलामू और रांची में कुल 12 मामले दर्ज हैं। इसमें 20 मार्च 2010 को बहुचर्चित आजसू नेता साजिद अहमद सिद्दीकी उर्फ बॉबी खान हत्या का मामला मुख्य है। हत्याकांड की जांच सीआईडी कर रही है। कनक मंदिर मालिक के पुत्र के अपहरण कांड से कुणाल ने आपराधिक दुनिया में कदम रखा था। इसके अलावा समाजसवेी राजद नेता ज्ञानचंद पांडेय के पोता के अपरहण में पलामू जिला व्यवहार न्यायालय से कुणाल को आजीवन कारावास की सजा मिली थी। इस मामले वह उच्च न्यायालय से मिली जमानत पर था। पलामू के पाटन थाना क्षेत्र में अवैध हथियार के एक मामले में 7 साल की सजा हुई थी। इसमें भी वह उच्च न्यायालय से जमानत पर था। इसके अलावा रांची के निलय एजुकेशनल ट्रेस्ट के भीम सिंह मुंडा के अपहरण मामले में भी वह नामजद पर था। वर्ष 2018-19 में जेल से निकलने के बाद वह सामान्य जीवन यापन कर रहा था। इसके पीछे बालू का धंधा, टेंडर मैनेज व अन्य कई आपराधिक गतिविधियों का संचालन में परदे के पीछे इसकी भूमिका थी। बताया जाता है कि जेजेएमपी कमांडर संदीप कुमार की हत्या में भी उसकी संलिप्तता थी। इसके अलावा वह प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के संपर्क में भी रहता था। बाक्स..सेना की नौकरी में रहते हुए की थी बॉबी खान की हत्या

मेदिनीनगर : आजसू नेता साजिद अहमद सिद्दीकी उर्फ बॉबी खान की हत्या की घटना को कुणाल ने सेना में रहने में अंजाम दिया था। बताया जाता है कि हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद वह रांची स्थित अपने शिविर में योगदान दे दिया था। बाद में पलामू पुलिस की रिपोर्ट के बाद कुणाल को सेना से बर्खास्त कर दिया गया था। बाक्स..पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर कुणाल हत्याकांड मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। अपराधियों की धर-पकड़ के लिए उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। इसके लिए तीन अलग-अलग विशेष छापेमारी दल का गठन किया गया है। पुलिस तीन संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

संदीप कुमार गुप्ता, एसडीपीओ, सदर, मेदिनीनगर।

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