नगर परिषद का पीएल एकाउंट के अलावा एक और बैंक खाता

मेदिनीनगर : आपसी विवादों में चर्चा में रहे नगर परिषद में एक अजब मामला प्रकाश में आया है। वर्षो से य

By Edited By: Publish:Wed, 21 Jan 2015 10:39 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jan 2015 10:39 PM (IST)
नगर परिषद का पीएल एकाउंट के अलावा एक और बैंक खाता

मेदिनीनगर : आपसी विवादों में चर्चा में रहे नगर परिषद में एक अजब मामला प्रकाश में आया है। वर्षो से यहां सिर्फ पीएल एकाउंट ही चलता था। कुछ माह पहले ग्रामीण बैंक में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के नाम से एक और बैंक खाता खोला गया है। इसका खाता संख्या 84008000348 है। नगर परिषद के आय को अब इसी खाता में डाला जा रहा है। इससे पहले तमाम प्रकार की टैक्स राशि पीएल एकाउंट में जमा की जाती थी। डीजल-मोबिल, झाड़ू समेत सफाई कार्यालय के रख-रखाव में खर्च के नाम पर नगर परिषद के स्वच्छता निरीक्षक कृष्ण मुरारी शर्मा को 1.29 लाख का भुगतान किया गया है। हालांकि मामला को तूल पकड़ता देख इस राशि को पुन: लौटा दिया गया। इसका खुलासा बुधवार को आयोजित नगर परिषद की बोर्ड में अध्यक्ष व अन्य सदस्यों ने किया।

इस मसले पर जमकर हल्ला-हंगामा हुआ। आरोप लगाया गया कि कार्यपालक पदाधिकारी अरूण कुमार भारती ने न तो अन्य बैंक खाता खोलने के लिए और न ही शर्मा के नाम भुगतान करने संबंधित बोर्ड या अध्यक्ष की सहमति प्राप्त की है।

इस बीच बैठक में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अरुण कुमार भारती ने कहा कि खाता खोलने के लिए हमें डीसी या बोर्ड से से पूछने की जरूरत नहीं हैं। मुझे पावर है मैं खाता खोल सकता हूं। इस पर नगरपरिषद अध्यक्ष व पार्षदों ने उनपर तानाशाही रवैया अख्तेयार करने का आरोप लगाया। अध्यक्ष का कहना था कि 1.29 लाख की निकासी श्री शर्मा ने दोनों एकाउंट से की थी। जानकारी के अनुसार 29 दिसंबर 2014 को ग्रामीण बैंक के खाते से राशि की निकासी की गई है। पीएल एकाउंट से भी 1.29 लाख की निकासी कर ली गई। इस मामले की जानकारी मिलते ही नगर परिषद क्षेत्र के कई वार्ड पार्षदों में खलबली मची गई। निकासी के तुरंत बाद नगरपरिषद अध्यक्ष ने कार्यपालक पदाधिकारी व नगर विकास विभाग झारखंड सरकार को पत्र लिखा। बढ़ते मामले को नियंत्रित करने के लिए ग्रामीण बैंक के खाते से निकाली गई1.29 लाख की राशि उक्त बैंक में पुन:जमा कर दी गई।

इधर एक अन्य मामले में वित्तीय वर्ष 2014-15 में पेयजल संकट को देखते हुए शहर में ट्रैक्टर टंकी से पेयजलापूर्ति कराई गई थी। महीनों तक संबंधित संवेदक नगर परिषद का चक्कर काटते रहे थे। पर संवेदक के नाम से भुगतान न करते हुए चेक संख्या ए 414022 से दिनांक 21 अक्टूबर को कृष्ण मुरारी शर्मा के नाम कुल सात लाख चार हजार 450 रूपए का चेक काट दिया गया। बैठक में अध्यक्ष पूनम सिंह ने कहा इस मसले पर कार्यपालक पदाधिकारी को पत्र लिखकर ट्रैक्टर मालिक के नाम सीधे भुगतान करने कहा गया था। बावजूद इसकी अनदेखी कर कृष्णमुरारी शर्मा के नाम चेक कैसे काटा गया।

chat bot
आपका साथी