'लक्ष्य मजबूती के लिए गुरुओं की बात सुनना आवश्यक'

तोरपा : भगवान जगन्नाथ बहुत ही करुणामय है। कलयुगी जीवों पर अपनी विशेष कृपा देने के लिए रथयात्रा के मा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jun 2017 10:38 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jun 2017 10:38 PM (IST)
'लक्ष्य मजबूती के लिए गुरुओं की बात सुनना आवश्यक'
'लक्ष्य मजबूती के लिए गुरुओं की बात सुनना आवश्यक'

तोरपा : भगवान जगन्नाथ बहुत ही करुणामय है। कलयुगी जीवों पर अपनी विशेष कृपा देने के लिए रथयात्रा के माध्यम से श्रद्धालुओं को अपनी भक्ति प्रदान करते हैं। यही भवसागर से मुक्त होने का एकमात्र साधन है। यह बातें पूज्यपाद त्रिदंडी स्वामी भक्तिशरण परमहंस महाराज ने कही। वे सोमवार को मौसी गुडिंचा के घर भगवान जगन्नाथ की लीलाओं का वर्णन कर रहे थे। कहा कि जिस रथयात्रा का हम दर्शन करते हैं, वह हमारे जीवन रूपी रथयात्रा का सूचक है। यह शरीर ही हमारा रथ है। स्वच्छ मन से भक्ति में लीन रहकर अपना लक्ष्य मजबूत करने के लिए गुरु - महात्माओं की बातों को ध्यान से सुनना होगा व उस पर विचार करना करना होगा। उससे ही लक्ष्य की प्राप्ति होगी। मन को साफ किए बगैर भजन, कीर्तन, पूजा-पाठ करने से कोई फायदा नहीं होगा। प्रवचन के बाद भगवान जगन्नाथ को भोग लगाकर लोगों में प्रसाद का वितरण किया गया। मौके पर वृंदावन के दीनशरणदास, कोलकाता के सत्यनारायणदास व दिल्ली के अखिलदास प्रभु, मंगल निलय दास, वीरेंद्र यादव, राजेश यादव, मनोज यादव व कई श्रद्धालुओं सहित बाहर से आए संतों के साथ हरि कीर्तन भी किया।

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