टाटा मोटर्स के ये इंजीनियर हैं कुछ खास, इनकी पहल पर आप भी कह उठेंगे वाह, पढि़ए तो सही

ड्यूटी के बाद ज्यादातर युवाओं का रूझान जहां मौज - मस्ती की ओर होता है टाटा मोटर्स ग्रेजुएट इंजीनियर ट्रेनी क्लब के बैनर तले युवा इंजीनियर्स एक बड़े लक्ष्य पर काम कर रहे हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Thu, 01 Aug 2019 08:30 PM (IST) Updated:Fri, 02 Aug 2019 10:20 AM (IST)
टाटा मोटर्स के ये इंजीनियर हैं कुछ खास, इनकी पहल पर आप भी कह उठेंगे वाह, पढि़ए तो सही
टाटा मोटर्स के ये इंजीनियर हैं कुछ खास, इनकी पहल पर आप भी कह उठेंगे वाह, पढि़ए तो सही

जमशेदपुर, जेएनएन। टाटा मोटर्स के इन इंजीनियरों के जज्बे को सलाम करने से आप शायद ही खुद को रोक पाएं। दरअसल, ये इंजीनियर कुछ काम ही ऐसा कर रहे हैं। इन्होंने अभावों के आंगन में शिक्षा का दीप जलाने की सोची और सोच को साकार भी किया। इनके प्रयास से शिक्षा का दीप निर्बाध रूप से जल भी रहा है।

देश की अग्रणी ऑटो मोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स के इंजीनियर्स हिंदी माध्यम स्कूल के बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा की सेवा दे रहे हैं। कंपनी में आठ घंटे ड्यूटी के बाद ज्यादातर युवाओं का रूझान जहां मौज - मस्ती की ओर होता है, वही टाटा मोटर्स ग्रेजुएट इंजीनियर ट्रेनी (जीईटी) क्लब के बैनर तले युवा इंजीनियर्स एक बड़े लक्ष्य के साथ गरीब बच्चों में शिक्षा की ज्योत जला रहे हैं। जमशेदपुर के टेल्को इलाके के इंद्रानगर स्थित रामकृष्ण मिशन स्कूल की 7वीं, 8 वीं एवं 9 वीं कक्षा के लगभग 40 बच्चे इन इंजीनियरों से निश्शुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

कंपनी प्रबंध मदद को आगे आया

गणित, विज्ञान एवं अंग्रेजी विषयों में तेज बनाने तथा इन बच्चों की जिज्ञासा को शांत करने की इस कोशिश को टाटा मोटर्स कंपनी के वरीय अधिकारियों ने भी सराहा है। कंपनी प्रबंधन ने जीईटी क्लब के अनुरोध को स्वीकर करते हुए मैनेजमेंट ट्रेनिंग सेंटर में संसाधन सहित सुव्यवस्थित क्लास रूम उपलब्ध कराया है। इतना ही नहीं जलपान एवं भोजन तक उपलब्ध कराया है। बच्चे भी खूब मन लगाकर पढ़ रहे हैं। 

सप्ताह में तीन दिन लगती क्लास

जीईटी क्लब के महासचिव पीयूष कुमार बताते हैं कि प्रयास अभियान के तहत हम सब साथी हिन्दी माध्यम के छात्र - छात्राओं को कठिन विषयों में निपुण बनाने की एक छोटी सी कोशिश में जुटे हैं। सप्ताह में तीन दिन बुधवार, शनिवार और रविवार को हम इन बच्चों को दो घंटे पढ़ाते हैं। हमारी कोशिश है कि अभाव में गुजर -  बसर करनेवाले बच्चों के अभिभावकों को अप्रत्यक्ष रूप से मदद पहुंचाएं। साथ ही इन बच्चों को अंग्रेजी माध्यम बच्चों के समकक्ष और उससे भी तेज बनाना मकसद है। इस अभियान को पीयूष मंडल, राजलक्ष्मी, अभिषेक, विश्वास, अबरार,आदिति, आकांक्षा, अवंतिका, युवराज, विकास, सानू, मौर्या,पीयूष कुमार, रौशनी, निकिता आदि सहयोग दे रहे हैं। 

सीएसआर टीम का आईडिया

जीईटी क्लब के बैनर तले टाटा मोटर्स के युवा इंजीनियर्स समय - समय पर सामाजिक कार्यों में बढ़ - चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं। क्लब की सीएसआर टीम ने हिंदी माध्यम स्कूलों के बच्चों को पढ़ाने का आइडिया दिया।

सीएसआर टीम के महासचिव पीयूष मंड़ल, राज लक्ष्मी, मौर्या कृष्णा आदि ने बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा देने का सुझाव दिया। जिसके फलस्वरूप इस पहल को प्रयास अभियान का नाम दिया गया।

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