रिसर्च में किया कट-पेस्ट तो खैर नहीं

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशों के अनुसार अब कट-पेस्ट के रि

By Edited By: Publish:Mon, 16 Jan 2017 02:48 AM (IST) Updated:Mon, 16 Jan 2017 02:48 AM (IST)
रिसर्च में किया कट-पेस्ट तो खैर नहीं
रिसर्च में किया कट-पेस्ट तो खैर नहीं

-21 जनवरी को कार्यशाला का किया जाएगा शुभारंभ

-22 जनवरी को रिसर्च की प्रकृति के बारे में रखे जाएंगे विचार

27 जनवरी को कार्यशाला का होगा सामापन

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जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशों के अनुसार अब कट-पेस्ट के रिसर्च मान्य नहीं होंगे। अगर कट-पेस्ट का रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया जायेगा तो उसे सॉफ्टवेयर पकड़ लेगा। इस कारण रिसर्च करने वाले छात्रों को कई तरह की सावधानियां बरतनी होंगी और पहले की अपेक्षा ज्यादा मेहनत करना होगा।

ये बातें रविवार को वूमेंस कॉलेज में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्राचार्या डॉ. शुक्ला माहांती ने कहीं। उन्होंने बताया कि वूमेंस कॉलेज में यूजीसी प्रायोजित रिसर्च प्रक्रिया पर सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन 21 जनवरी से किया गया है। कार्यशाला 27 जनवरी तक चलेगी। इसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों के कई विशेषज्ञ विभिन्न रिसर्च विषयों और उनकी प्रक्रियाओं पर अपनी बातों को रखेंगे। कार्यशाला का आयोजन वूमेंस कॉलेज जमशेदपुर की फैकल्टी ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट की ओर से आयोजित किया जा रहा है। फैकल्टी ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट की डीन व हेड डॉ. दीपा शरण ने बताया कि इस तरह की कार्यशाला झारखंड में पहली बार आयोजित होने जा रही है। उद्घाटन के दिन 21 जनवरी को मुख्य अतिथि एनएमएल के निदेशक डॉ. एनजी गोस्वामी व मुख्य वक्ता के रूप में जेवियर्स लेबर्स रिलेशन इंस्टीट्यूट (एक्सएलआरआइ) के प्रोफेसर फादर ओस्वाल्ड होंगे। दोपहर के बाद एक्सएलआरआइ के डॉ. प्रबाल सेन रिसर्च की बारीकियों से अवगत कराएंगे। 22 जनवरी को रिसर्च की प्रकृति के बारे में लक्ष्मीबाई यूनिवर्सिटी ग्वालियर के डॉ. जेपी वर्मा अपने विचार रखेंगे। प्रेस वार्ता में छगन अग्रवाल, डॉ. पियाली विश्वास सहित कॉमर्स विभाग के कई शिक्षक व शिक्षिकाएं मौजूद थीं।

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