एक ही कंपनी कराएगी बदहाल एनएच-33 की मरम्मत

जर्जर और बदहाल हो चुके जानलेवा राची-महुलिया राष्ट्रीय राजमार्ग की मरम्मत एक कंपनी कराएगी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से यह निर्णय किया गया है।

By Edited By: Publish:Wed, 19 Sep 2018 01:16 PM (IST) Updated:Wed, 19 Sep 2018 01:19 PM (IST)
एक ही कंपनी कराएगी बदहाल एनएच-33 की मरम्मत
एक ही कंपनी कराएगी बदहाल एनएच-33 की मरम्मत

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जर्जर और बदहाल हो चुके जानलेवा राची-महुलिया राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 33 की मरम्मत का काम इस साल एक ही कंपनी को मिलेगा। पिछले साल एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने एनएच-33 के इस हिस्से को तीन खंड में बाट कर तीन कंपनियों को मरम्मत का काम दिया था। लेकिन काम की गुणवत्ता खराब होने की वजह से इस साल एक ही कंपनी से मरम्मत कराने का फैसला किया गया है। मरम्मत के लिए निकाले गए टेंडर पर फैसला गुरुवार को होगा। बुधवार को टेंडर की तकनीकी बिड खोली जाएगी। गुरुवार को वित्तीय बिड खोलने के बाद तय किया जाएगा कि एनएच-33 की मरम्मत कौन सी कंपनी कराएगी।

टेंडर फाइनल होने के बाद एनएच-33 की मरम्मत की प्रक्त्रिया शुरू होगी। अभी एनएच-33 की हालत काफी खराब हो गई है। इस पर बड़े-बड़े गढ्डे हैं। बरसात में गढ्डों की गहराई और आकार में इजाफा हो गया है। इसके चलते वाहनों का आवागमन काफी दुश्वार हो गया है। एनएच-33 के निर्माण का जिम्मा 2012 में मधुकॉन प्राइवेट लिमिटेड को मिला था। लेकिन कंपनी ने 163.500 किलोमीटर लंबे एनएच 33 में से सिर्फ 63 किलोमीटर लंबी सड़क का ही निर्माण कराया। इस साल फरवरी में कंपनी ने अपने हाथ खड़े करते हुए एनएच-33 का काम रोक दिया। इसके बाद से एनएच-33 की हालत बदतर होती चली जा रही है। एनएच-33 के निर्माण के लिए दैनिक जागरण अभियान चला रहा है। इसका असर ये हुआ कि एनएचएआई ने एनएच-33 की मरम्मत के लिए 17 करोड रुपये जारी किए। इस रकम से राची से महुलिया तक एनएच-33 की मरम्मत की जाएगी। एनएचएआई ने मरम्मत का टेंडर जारी किया है, जो बुधवार को खुलने जा रहा है। गुरुवार को टेंडर को अंतिम रुप दिया जाना है। एनएचएआई के राची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के अनुसार टेंडर फाइनल होने के बाद ठेकेदार कंपनी का एनएचएआई से करार होगा। करार के बाद मरम्मत का काम शुरू करा दिया जाएगा। गौरतलब है कि इस मरम्मत के लिए एनएचएआई ने पहले भी टेंडर निकाला था 20 अगस्त को यह टेंडर खोला गया लेकिन किसी भी कंपनी ने टेंडर नहीं डाला था इसी वजह से दोबारा टेंडर निकाला गया है। ------ टेंडर पर लगी है जनता की निगाहें जमशेदपुर के लिए एनएच-33 एक बड़ा मुद्दा बन गया है। कोल्हान की लाइफ लाइन होने की वजह से इलाके के विकास में इस सड़क का अहम रोल है। शहर का कारोबार इसी सड़क के रास्ते होता है। यही नहीं जमशेदपुर को प्रदेश की राजधानी राची से जोड़ने की वजह से आम लोगों के लिए भी यह सड़क अहम मुकाम रखती है। इस राष्ट्रीय राजमार्ग के जर्जर होने की वजह से लोगों को आवागमन में काफी दिक्कत होती है। इसी के चलते शहर की जनता एनएचएआई के टेंडर पर निगाह लगाए हुए है। लोग जानना चाहते हैं की एनएच-33 के मरम्मत का टेंडर किस कंपनी को मिला और वह कंपनी मरम्मत का काम कब से शुरू कर देगी।

शहर के लोगों का कहना है कि इस बार एनएचएआई को मरम्मत के काम की बारीकी से निगरानी करनी चाहिए। ताकि पिछले सालों की तरह मरम्मत के लिए आए पैसे का दुरुपयोग नहीं हो सके। गौरतलब है कि पिछले साल भी एनएचएआई ने मरम्मत के लिए 21 करोड़ रुपए जारी किए थे। इस रकम से मरम्मत तो हुई लेकिन इसकी गुणवत्ता इतनी खराब थी कि दो-तीन महीने के अंदर ही एनएच-33 फिर से जर्जर दिखने लगा। जर्जर एनएच को ले गडकरी से मिले उज्जैन जमशेदपुर से रांची को जोड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-33 की जर्जर स्थिति को लेकर भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अभय सिंह उज्जैन मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय सड़क व जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी से मिले। नितिन गडकरी ने आश्वस्त किया कि एनएच-33 को लेकर केंद्र सरकार काफी गंभीर है और इसे दुरुस्त करने का काम शीघ्र पूरा हो जाएगा।

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