मानगो में निकला अलम व अमारी का जुलूस

शिया मुसलमानों के मोहर्रम से शुरू हुए गम के दिन बुधवार को खत्म हो गए। आखिरी दिन रबीउल अव्वल की आठ तारीख को मानगो के जाकिर नगर में इमामबारगाह हजरत अबूतालिब अ. में हुई मजलिस में अमारी और अलम बरामद हुए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Nov 2019 08:20 AM (IST) Updated:Thu, 07 Nov 2019 08:20 AM (IST)
मानगो में निकला अलम व अमारी का जुलूस
मानगो में निकला अलम व अमारी का जुलूस

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : शिया मुसलमानों के मोहर्रम से शुरू हुए गम के दिन बुधवार को खत्म हो गए। आखिरी दिन रबीउल अव्वल की आठ तारीख को मानगो के जाकिर नगर में इमामबारगाह हजरत अबूतालिब अ. में हुई मजलिस में अमारी और अलम बरामद हुए। अजादारों ने अमारी और अलम की ज्यारत की। सीरिया के उस कैदखाने की भी मंजरकशी की गई जिसमें यजीद ने इमाम हुसैन अ. के घर की महिलाओं और बच्चों को कैद कर रखा था। मजलिस के बाद नौहाखानी और मातम किया गया।

मजलिस में मौलाना मो. सादिक ने इमाम हुसैन की चार साल की बेटी सकीना के मसाएब पढ़े। पढ़ा कि जनाब सकीना को अंधेरे कैदखाने में रखा गया था। मौलाना सैयद मोहम्मद हसन ने तकरीर की। इमामबारगाह में सीरिया के कैदखाने की मंजरकशी लोगों ने देखी। अमारी व अलम बरामद हुए। सगीर हुसैन ने बताया कि खुर्शीद महदी, शाकिर हुसैन, रेहान और मुसब अब्बास ने नौहा पढ़ा।

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मदीना वापस लौटे थे अहले हरम

यजीद की कैद से छूटने के बाद इमाम हुसैन अ. के घर की महिलाएं और बच्चे आठ रबीउल अव्वल को मदीना वापस लौटे थे। उनके मदीना आने पर शहर के लोगों ने उन्हें इमाम हुसैन अ. और दूसरे शहीदों का पुरसा दिया था। इमाम हुसैन के बेटे अपने नाना हजरत मोहम्मद मुस्तफा स. के रौजे पर गए थे और उन्हें उम्मत का हाल सुनाया था। आठ रबीउलअव्वल को 11 वें इमाम हसन अस्करी अ. की शहादत हुई थी। इसलिए शिया मुसलमान आठ रबीउलअव्वल तक गम मनाते हैं।

आज मनाई जाएगी ईद-ए-जहरा

मोहर्रम से चले आ रहे गम के दिन खत्म होने पर गुरुवार को ईद-ए-जहरा का त्योहार मनाया जाएगा। कर्बला के वाकए के बाद हजरत मुख्तार ने इस घटना का बदला लिया था और नौ रबीउल अव्वल को इमाम हुसैन अ. के कातिल को पकड़ कर सजा-ए-मौत दी गई थी। इस दिन इमाम हुसैन अ. के बेटे हजरत जैनुल आबेदीन अ. मुस्कराए थे। जनाब फातमा जहरा स. भी खुश हुई थीं। इसलिए इस पर्व को ईद-ए-जहरा भी कहते हैं।

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