झाविमो ने जेएनएसी के विशेष पदाधिकारी को घेरा, किया दावा- टेंडर के पहले हो गया काम Jamshedpur News

झाविमो ने कहा क‍ि जेएनएसी में टेंडर के पहले काम हो जा रहा है और केवल भरमाने के लिए टेंडर निकल जाता है । काम पहले हो जाता है और बाद में अपने चहेते ठेकेदार को कार्य आवंटन होता है ।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Thu, 24 Oct 2019 03:03 PM (IST) Updated:Thu, 24 Oct 2019 03:03 PM (IST)
झाविमो ने जेएनएसी के विशेष पदाधिकारी को घेरा, किया दावा- टेंडर के पहले हो गया काम Jamshedpur News
झाविमो ने जेएनएसी के विशेष पदाधिकारी को घेरा, किया दावा- टेंडर के पहले हो गया काम Jamshedpur News

जमशेदपुर, जेएनएन। झारखंड विकास मोर्चा के केंद्रीय महासचिव अभय सिंह ने कहा कि जमशेदपुर में जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के विशेष पदाधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं जिसका एक नमूना गुरुवार को पर्दाफाश हुआ है ।

गोलमुरी स्थित राजेंद्र भवन के नाम पर विगत 12 अक्टूबर को निविदा प्रकाशित की गई और यह निविदा केवल एक अखबार में प्रकाशित की गई। निविदा में यह निकाला गया कि राजेंद्र भवन में सौंदर्यीकरण के नाम पर 14 लाख 60 हजार की प्राकलन राशि होगी जबकि आश्चर्य की बात है कि निविदा के पूर्व ही ठेकेदार के द्वारा रंग रोगन एवं कई कार्य संपादित हो चुके हैं । टेंडर की अंतिम दिन की प्रक्रिया 22 अक्टूबर 2019 थी, लेकिन यह काम उसके पहले ही संपन्न हो गया ।

जांच कर चले मुकदमा

इसी भवन के रंगरोगन के लिए न‍िकला था टेंंडर।

संवाददाता सम्‍मेलन कर साथ ही अभय सिंह ने मांग की कि उपायुक्त अविलंब इसकी जांच कराएं और जांच के बाद विशेष पदाधिकारी के ऊपर में भ्रष्टाचार का केस चलाया जाए। उन्‍होंने कहा कि गुरुवार को झारखंड विकास मोर्चा का एक प्रतिनिधि मंडल कार्य स्थल पर गया और जाकर देखा तो यह सत्य पाया गया कि विशेष पदाधिकारी भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं । टेंडर के पहले काम हो जा रहा है और केवल भरमाने के लिए टेंडर निकल जाता है । काम पहले हो जाता है और बाद में अपने चहेते ठेकेदार को कार्य आवंटन होता है ।

चुनाव में कर सकते गड़बड़झाला

उन्‍होंने कहा कि जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति भ्रस्टाचारियों का अड्डा बन चुकी है। आगामी विधनसभा चुनाव में अगर समित के पदाधिकारी को चुनाव आयोग द्वारा डयूटी दी जाती है तो चुनाव लड़ने वाले किसी भी व्‍यक्ति को इंसाफ नहीं मिलेगा । अभय ने कहा कि मुख्यमंत्री के क्षेत्र में इस प्रकार की घटना होना इस बात को प्रमाणित करता है कि मुख्यमंत्री इससे अनभिज्ञ नहीं हैं। वैसे अधिकारियों को यहां महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है जिस पर पक्षपात का आरोप लगा और विगत लोकसभा के चुनाव में चुनाव आयोग ने चुनाव पद्धति से दूर रखा। उन्‍होंने कहा कि उपायुक्त इसकी जांच कराएं और दूध का दूध पानी का पानी करवाएं अन्यथा झारखंड विकास मोर्चा इस मामले को लेकर कोर्ट की शरण में जाएगा। 

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