जमशेदपुर में ईरानी गैंग ने किया नाक में दम, खुद को बड़े लेवल का अधिकारी बताकर ऐसे दे रहे हैं वारदातों को अंजाम

ईरानी गैंग के बारे में बताया जाता है कि कभी किसी जमाने में इनके पूर्वज ईरान से व्‍यापार करने के लिए मध्य प्रदेश के भोपाल आए और धीरे-धीरे इनका कुनबा बढ़ता चला गया। आगे चलकर ये महाराष्ट्र राजस्थान बिहार गुवाहाटी व उत्तर प्रदेश में बस गए।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Thu, 08 Dec 2022 01:01 PM (IST) Updated:Thu, 08 Dec 2022 01:01 PM (IST)
जमशेदपुर में ईरानी गैंग ने किया नाक में दम, खुद को बड़े लेवल का अधिकारी बताकर ऐसे दे रहे हैं वारदातों को अंजाम
जमशेदपुर में ईरानी गैंग के सदस्‍य ठगी और लूटपाट को दे रहे अंजाम

जमशेदपुर, जासं। शहर में ठगी और लूटपाट करने के मामले में गिरफ्तार ईरानी गिरोह के संबंध में बताया जाता है कि लूटपाट, छिनतई व टप्पेबाजी जैसे घटनाओं को अंजाम देने में माहिर हैं। गिरोह के सदस्य नए-नए तरीके अपनाते हैं। बताया जा रहा है कि इनके पूर्वज ईरान से वर्षों पहले व्यवसाय करने मध्य प्रदेश के भोपाल तक आए थे और यहीं बस गए। धीरे-धीरे इनका कुनबा बढ़ता चला गया और महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार, गुवाहाटी व उत्तर प्रदेश में बस गए। ईरानी मूल का होने के कारण अधिकांश युवकों की कद-काठी अच्छी होती है। गोरे-चिट़टे होते हैं इसलिए स्वयं को पुलिस, सीबीआइ, क्राइम ब्रांच व सीआइडी का अधिकारी बताकर वारदातों को अंजाम देते हैं।

काफी सोच-समझकर करते हैं अपना टारगेट सेट

किसी भी शहर में गिरोह के आठ सदस्य जाते हैं, जो वारदातों को अंजाम देकर शहर छोड़ देते हैं। एक शहर से दूसरे शहर में जाने के लिए कार का इस्तेमाल करते हैं। गिरोह से ही जुड़े कुरियर ब्वाय से दोपहिया लेकर घूमते हैं, जहां वारदात को अंजाम देना होता है, वहां पहुंचने के पहले बाहर निकलने का रास्ता पहले तलाश करते हैं। बाजारों व भीड़ वाले स्थानों में उपयुक्त स्थान चुनते है। घूमते-फिरते अपनी समझ के अनुसार टारगेट सेट करते हैं। इस दौरान जेवर बदलकर नकली थमा देते हैं या पैसे छीनने का काम करते हैं।

गिरिडीह में चोरों का कारनामा, पूरा का पूरा एटीएम मशीन चुुराकर जमीन में गाड़ा, पुलिस ने जताई कैश होने की आशंका

कुछ इस तरह के तरीके अपनाते हैं गैंग के सदस्य

अक्षय कुमार की फिल्म स्पेशल 26 की कहानी की तरह गैंग के सदस्य वारदात को देते हैं अंजाम।  नकली पुलिस बनकर पुलिस चेकिंग व लूट की घटना को देते अंजाम, खुद को क्राइम ब्रांच व सीबीआइ का अधिकारी बताने में नहीं हिचकते। गिरोह के सदस्य हर बार नया मोबाइल सेट व सिम, नई कार और नई बाइक लेकर चलते हैं। गिरोह के सदस्य अपने साथ कोई हथियार नहीं रखते। बातचीत के लिए आम आदमी की समझ में न आने वाली ईरानी और हिंदी मिक्स कोडेड भाषा का प्रयोग करते हैं। सुरक्षित इलाके में खड़े होकर विशेषकर बुजुर्गों व महिलाओं को बताते हैं कि आगे लूट हो गई है। आप लोग गहना पहनकर चल रहे हैं। ये कहते हुए गहना ले लेते हैं व बदले में कागज या कपड़े में लपेट कर नकली जेवर सौंपकर फरार हो जाते हैं।

देवघर में साइबर ठगों ने दो लोगों से की 1.25 लाख रुपये की ठगी, जिले में झपट्टा मार गिरोह भी हुआ सक्रिय

chat bot
आपका साथी