तालाब पर बन गए मकान, लगा है कचरे का अंबार, जानिए

Jamshedpur News. बागबेड़ा में जल संकट का सबसे बड़ा कारण है तालाबों का समाप्त होना। तालाब के चारों ओर मकान बन गए हैं। चारों ओर का कचरा डालने के कारण तालाब में गंदगी का अंबार हो गया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 05:31 PM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 09:38 PM (IST)
तालाब पर बन गए मकान, लगा है कचरे का अंबार, जानिए
बागबेड़ा में जल संकट का सबसे बड़ा कारण है तालाबों का समाप्त होना।

जमशेदपुर, जासं। बागबेड़ा में जल संकट का सबसे बड़ा कारण है तालाबों का समाप्त होना। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बागबेड़ा के शिवनगर में सबसे पुराना तालाब 50 साल से पहले का तालाब है। आज स्थिति यह है कि तालाब के चारों ओर मकान बन गए हैं जिसमें चारों ओर का कचरा डालने के कारण तालाब में गंदगी का अंबार बनकर रह गया है। बताया जाता है कि शहर के एक पुराने नेता द्वारा तालाब का अतिक्रमण कर बिक्री भी किया गया है।

इस संबंध में बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष सह भाजपा नेता सुबोध झा कहते हैं कि शिवनगर तालाब का चार पंचायत के 20 हजार से अधिक लोग इस्तेमाल करते थे। उन्होंने बताया कि छह साल पहले तक लोग इस तालाब का उपयोग करते थे, लेकिन आज तालाब कूड़ा का घर बन गया है।

क्या कहते हैं लोग

बागबेड़ा कॉलोनी रोड नंबर छह शिवनगर तालाब का लाभ शिवनगर बागबेड़ा कॉलोनी, सीपी टोला, बाजार टोला, प्रधान टोला, गणेश नगर, हरहरगुट्टू नयाबस्ती आदि क्षेत्र के लोग उठाते थे। तालाब के कारण इस क्षेत्र में पानी का लेबल भी सही रहता था, लेकिन आज स्थिति इतनी अधिक खराब हो गई है कि लोगों को खरीदकर पानी पीना पड़ता है।

- प्रधान मुर्मू, बागबेड़ा

जब से तालाब का अतिक्रमण होना शुरू हुआ इस क्षेत्र में पानी का लेवल भी समाप्त हो गया। आज स्थिति ऐसी है कि 370 से 500 फीट तक बोरिंग करने के बाद ही पानी मिलती है। बागबेड़ा, हरहरगुट्टू, कीताडीह क्षेत्र में कई तालाब समतल हो गए और वहां पर मकान का निर्माण हो गए। पुराने तालाब का जीर्णोद्धार होना चाहिए।

- सुनील साहू, बागबेड़ा निवासी

बागबेड़ा क्षेत्र में कई तालाब था, लेकिन धीरे-धीरे तालाब का अतिक्रमण कर मकान बना लिया गया। जिससे पूरे क्षेत्र का जल स्तर नीचे चला गया। आज आज बागबेड़ा क्षेत्र में पानी की घोर किल्लत है। इसका कारण है तालाब का गायब हो जाना। पानी का लेयर नीचे चले जाने के कारण अब चापाकल से भी पानी नहीं मिलता। सरकार को बागबेडा ग्रामीण जलापूर्ति योजना को चालू कराना चाहिए।

-राजेश पात्रो, बागबेड़ा

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