शहर पर झोलाछाप चिकित्सकों का कब्जा!
संवाद सहयोगी, जमशेदपुर : शहरवासी फर्जी चिकित्सकों की गिरफ्त में हैं। हालांकि, अब फर्जी चिकित्सकों की नकेल कसने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। मरीजों को ग्लूकोज की बोतल लगाकर पैसे ऐंठने और इलाज के नाम पर दर्द निवारक दवाओं की पुड़िया थमाने वाले फर्जी चिकित्सकों की अब खैर नहीं है। स्वास्थ्य विभाग ने अबतक शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से कुल 19 झोलाछाप चिकित्सकों की सूची तैयार की है। सिविल सर्जन डॉ. एलबीपी सिंह ने बताया कि जल्द ही एक कमेटी गठित कर जांच-पड़ताल की जाएगी ताकि मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करने वाले झोलाछाप चिकित्सकों पर उचित कार्रवाई हो सके। डॉ. सिंह ने कहा कि जिले की अलग-अलग शाखाओं के अधिकारियों की टीम गठित कर कार्रवाई को अंजाम देने की रणनीति तैयार की जा रही है।
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खंगाली जाएगी चिकित्सकों की फाइल
स्वास्थ्य विभाग की ओर से गठित टीम शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में संचालित सेंटरों में छापेमारी करेगी। इस दौरान शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में अंग्रेजी दवा के साथ प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर की डिग्री, दवाइयां और रजिस्ट्रेशन की जांच होगी। टीम के सदस्य यह भी देखेंगे की कथित डॉक्टर किस पैथी में रजिस्टर्ड हैं और कैसी दवाओं का इस्तेमाल कर रहा है। यदि संबंधित व्यक्ति उपयुक्त दस्तावेज और पैथी के बिना रजिस्ट्रेशन के इलाज करते पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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जिले में एक हजार से अधिक झोलाछाप चिकित्सक
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के सचिव डॉ. मृत्युंजय सिंह की माने तो जिले में करीब एक हजार से अधिक झोलाछाप चिकित्सक हैं। उनका कहना है कि ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।
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बदल रहा सेवाभाव
- ज्यादा से ज्यादा मरीजों को देखने की होड़। नतीजतन चिकित्सक एक मरीज पर कम से कम समय देना पसंद करते हैं।
- चिकित्सक किसी मरीज को उचित सलाह न देकर अपने पास ही बुलाते रहते हैं। जैसे फिजिशियन किसी हड्डी रोग पीड़ित को स्पेशलिस्ट के पास न भेजकर खुद ही देखते हैं। जबकि सभी रोग के अलग-अलग विशेषज्ञ उपलब्ध हैं।
- दवा कंपनी के प्रलोभन में आकर चिकित्सक उस कंपनी की महंगी दवा मरीजों को लिखते हैं, जिसकी पूर्ति कम कीमत की दवा से हो सकती है।
- डॉक्टर अपने मूल कर्तव्य को भूल कर अक्सर मरीजों की आर्थिक हालात को मद्देनजर रखकर उनका इलाज करते हैं। मतलब मरीजों की आर्थिक स्थिति डॉक्टर के लिए पहली प्राथमिकता होती है।
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क्या कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. एलबीपी सिंह ने कहा कि झोलाछाप चिकित्सकों को बख्शा नहीं जाएगा। जल्द ही टीम गठित कर जांच-पड़ताल शुरू होगी। टीम का नेतृत्व खुद करेंगे, ताकि गुप्त सूचना के आधार पर सभी सेंटरों पर दबिश दी जा सके।