विधायक अशोक सिंह हत्याकांड में पूर्व सांसद प्रभुनाथ दोषी करार, सजा 23 को

अदालत द्वारा पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दिए जाने के बाद उन्हें जेल कैदी वाहन से जाना पड़ा।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 19 May 2017 05:23 AM (IST) Updated:Fri, 19 May 2017 09:42 AM (IST)
विधायक अशोक सिंह हत्याकांड में पूर्व सांसद प्रभुनाथ दोषी करार, सजा 23 को
विधायक अशोक सिंह हत्याकांड में पूर्व सांसद प्रभुनाथ दोषी करार, सजा 23 को

जागरण संवाददाता, हजारीबाग। बिहार के महराजगंज के पूर्व सांसद और राजद के बाहुबली नेता प्रभुनाथ सिंह को हजारीबाग कोर्ट ने मशरख विधायक अशोक सिंह की हत्या प्रकरण में दोषी पाया है। पूर्व सांसद समेत उनके सहयोगी दीनानाथ सिंह व रितेश सिंह को अब 23 मई को सजा सुनाई जाएगी। अपर जिला न्यायाधीश सुरेंद्र शर्मा की अदालत ने गुरुवार को यह निर्णय दिया है। इस मामले में प्रभुनाथ सिंह के भाई व विधायक केदार सिंह को कोर्ट ने बरी कर दिया गया है। अशोक सिंह की हत्या के 22 साल के बाद यह फैसला आया है। विधायक अशोक सिंह की हत्या तीन जुलाई 1995 में पटना के गर्दनीबाग थाना क्षेत्र में बम मारकर कर दी गई थी। प्रभुनाथ पर धारा 302 के तहत हत्या, 201 के तहत हत्यारों को भगाने व सुबूत मिटाने, 324 के तहत विस्फोटक रखने और उसका प्रयोग करने समेत अन्य धाराएं दर्ज थीं। इनमें प्रभुनाथ को दोषी पाया गया है।

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विचलित नजर आए प्रभुनाथ :
फैसला आने के बाद कोर्ट में प्रभुनाथ सिंह थोड़े विचलित नजर आए। हालांकि बिना कोई प्रतिक्रिया दिए काफी शालीनता से उन्होंने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट में उनकी ओर से पटना हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता विंध्याचल सिंह के अलावा हजारीबाग कोर्ट के अधिवक्ता विजय कुमार सिंह दलील पेश कर रहे थे। इससे पूर्व प्रभुनाथ पूरे लाव-लश्कर के साथ सुबह 8 बजे ही कोर्ट पहुंच गए थे। इसके बाद वे कोर्ट में इंतजार करते रहे। काफी देर तक पेड़ की छांव में वे खड़े दिखे। करीब 10 बजे कोर्ट बैठी और 11.30 का समय दिया गया। इस दौरान प्रभुनाथ कोर्ट के अंदर ही मौजूद रहे। करीब 11.30 बजे कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया। दोषी करार दिए जाने तुरंत बाद उन्हें कोर्ट के आदेश पर पुलिस हिरासत में लिया गया। जहां से उन्हें उनके सहयोगियों के साथ जेपी कारा में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। जेल ले जाने तक सहयोगी 10 गाडिय़ों के काफिले के साथ उनके पीछे-पीछे चल रहे थे।

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पत्नी के आवेदन पर केस हजारीबाग कोर्ट हुआ था ट्रांसफर :
अशोक सिंह की पत्नी चांदनी देवी के आवेदन पर पटना हाईकोर्ट के आदेश पर 1997 में हजारीबाग कोर्ट में केस स्थानांतरित किया गया था। अपने आवेदन में चांदनी देवी ने कोर्ट से आग्रह किया था राजनीतिक हस्तक्षेप की वजह से उन्हें न्याय की उम्मीद कम है। इसके बाद ही कोर्ट ने आदेश सुनाते हुए केस को हजारीबाग ट्रांसफर कर दिया था। 14 दिन पूर्व ही कोर्ट की बहस पूरी हुई थी, जिसमें 18 मई को कोर्ट ने फैसला सुनाने की तारीख दी थी। ------------
23 को तय होंगे सजा के बिंदु :
कोर्ट ने 23 मई को सजा के बिंदु और सजा सुनाने की तिथि तय की है। हालांकि, उनके वकीलों को कोर्ट की फैसले की कॉपी उपलब्ध नहीं हो सकी है। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने 40 पेज का फैसला सुनाया है। इसमें गवाहों का आधार ही फैसले की वजह बना है, जिसमें घटना के दौरान उन्हें हत्या करने वाले को अपनी गाड़ी लेकर भगाने का आरोप था।

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जासं, हजारीबाग। कोर्ट परिसर में गुरुवार सुबह से ही चहल-पहल थी। कोर्ट की कार्रवाई 11 बजे शुरू हुई। इसके पहले तक प्रभुनाथ सिंह के साथ आए कार्यकर्ता व समर्थक उत्साहित थे और बाहर खड़े होकर कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे थे। 11 :20 तक कार्यकर्ताओं के चेहरे पर खुशियां थीं, जैसे ही कोर्ट की कार्रवाई शुरू हुई कोर्ट में खामोशी छा गई। 40 पेज के जजमेंट के अंतिम पेज के अंतिम पारा को 11 बजकर 25 मिनट में जज ने पढ़ा। जज ने घोषणा की कि विधायक केदार सिंह को कोर्ट साक्ष्य के अभाव में अदालत बाइज्जत बरी करती है। यह सुन उनके समर्थक खुश हुए, लेकिन अगली घोषणा उन्हें निराश करनेवाली थी। जज ने जब पूर्व सांसद सह राजद के बाहुबली नेता प्रभुनाथ सिंह समेत दीनानाथ सिंह व रितेश सिंह को दोषी करार देते हुए पुलिस को उन्हें हिरासत में लेने का आदेश दिया तो समर्थक सन्न रह गए। खुद प्रभुनाथ सिंह भी थोड़ी देर के लिए मायूस दिखे। कोर्ट की कार्यवाही अंतिम हस्ताक्षर के बाद 11 बजकर 40 मिनट पर खत्म हो गई। प्रभुनाथ सिंह समेत तीन दोषियों को पुलिस जेपी कारा ले गई। इस दौरान लोग बस में एक -दूसरे को देख रहे थे, कोई कुछ बोल नहीं रहा था।

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हमर से आए, कैदी वाहन से जेल गए प्रभुनाथ

 पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह पटना से 12 वाहनों के काफिले के साथ हजारीबाग आए थे। उनके सहयोगी जहां फार्च्यूनर कार से आए थे वहीं स्वयं प्रभुनाथ बीआर 13 सी - 0009 'हमर' गाड़ी से आए थे। हालांकि अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद उन्हें जेल कैदी वाहन से जाना पड़ा। वाहनों का काफिला कोर्ट रोड में थोड़ी देर के लिए जाम में भी फंस गया। करीब 12 बजे कोर्ट से उन्हें भारी सुरक्षा व्यवस्था में जेपी केंद्रीय कारा ले जाया गया। आगे-आगे कैदी वाहन और पीछे पीछे उनके समर्थकों का काफिला जेल तक पहुंचा। भाई केदार व करीब आधा दर्जन खास लोग उन्हें जेपी कारा गेट तक छोडऩे गए। लेकिन नियमों का हवाला देकर उन्हें जेल के अंदर जाने से रोक दिया गया। काफिले में चार फार्च्यूनर, चार स्कार्पियो, दो सूमो तथा एक बोलेरो भी था। चार दर्जन लोग काफिले में शामिल थे।
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12 वाहनों के साथ सुबह आठ बजे ही कोर्ट पहुंच गया था काफिला
पूर्व सांसद सह वरिष्ठ राजद नेता प्रभुनाथ सिंह गुरुवार को अपने समर्थकों के साथ 12 वाहनों के काफिले के साथ कोर्ट पहुंचे थे। सुबह करीब आठ बजे उनका काफिला कोर्ट पहुंच गया। हालांकि, सुरक्षा कारणों से पुलिस ने उनके काफिले को कोर्ट जाने से रोक दिया। केवल प्रभुनाथ सिंह के वाहन को ही अंदर प्रवेश करने दिया गया। उनके साथ उनके विधायक भाई केदार सिंह थी साथ चल रहे थे। वहीं दो अन्य सहयोगी दूसरे वाहन से साथ में आए थे।

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सुरक्षा का था पुख्ता इंतजाम
प्रभुनाथ सिंह के आगमन को लेकर जिला प्रशासन की ओर से भी सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई थी। उनकी सुरक्षा के लिए 16 जवान व एक पदाधिकारी लगाए गए थे। कोर्ट से हिरासत में लेने के आदेश के बाद वे पुलिसिया घेरे में ही कोर्ट कारा पहुंचे।

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