छाएगी हरियाली, लौटेगी खुशहाली

बागवानी से किसानों में आएगी समृद्धि आर्थिक रूप से संपन्न होंगे किसान ज्ञान ज्योति गिरिडीह ------------------------------ लाकडाउन और कोरोना संकट के बीच जीवन को पटरी पर लाने की कवायद भी शुरू हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस महामारी के कारण रोजी-रोजगार और आर्थिक समस्या ने स्थिति को

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 May 2020 05:50 PM (IST) Updated:Sat, 23 May 2020 05:50 PM (IST)
छाएगी हरियाली, लौटेगी खुशहाली
छाएगी हरियाली, लौटेगी खुशहाली

गिरिडीह : लॉकडाउन और कोरोना संकट के बीच जन जीवन को पटरी पर लाने की कवायद भी शुरू हो गई  है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस महामारी के कारण रोजी-रोजगार और आर्थिक समस्या ने स्थिति को और भयावह बना दिया है। इससे निपटने के लिए सरकार और प्रशासन ने न केवल युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है, बल्कि इसका क्रियान्वयन भी तेजी से किया जा रहा है। इसके लिए मनरेगा का सहारा लिया जा रहा है। इसके तहत सरकार ने कई योजनाओं को स्वीकृति दी है। इन योजनाओं से न केवल लोगों को रोजगार मुहैया होगा, बल्कि गांवों में हरियाली और खुशहाली भी आएगी। बिरसा हरित ग्राम योजना भी इसी परिप्रेक्ष्य में  शुरू की गई है। 

रोजगार के साथ बढ़ेंगे आय के स्त्रोत : 

बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत बागवानी पर जोर दिया जा रहा है। इसके माध्यम से आम और मिश्रित फलों की बागवानी करने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए लाभुकों को मनरेगा मद  से राशि मुहैया कराई जा रही है। इससे जहां मनरेगा मजदूरों को रोजगार मिलेगा, किसानों के लिए आय का स्त्रोत भी तैयार होगा। साथ ही गांवों में हरियाली भी आएगी। इस योजना के तहत प्रत्येक लाभुक को अधिक से अधिक एक एकड़ जमीन में बागवानी करने के लाए राशि दी जाएगी। 

एक एकड़ में  लगेंगे  192 पौधे :

प्रति एकड़ में 192 पौधे लगाए जाएंगे। आम की बागवानी  में 112 पौधे आम के तथा 80 टिबर प्लांट से संबधित पौधे होंगे। इसी तरह मिश्रित फलों की बागवानी के लाए आम, अमरूद,  शरीफा, नींबू, सहज आदि के पौधे लगाए जाएंगे। 

260 एकड़ भूमि का चयन  : 

परियोजना पदाधिकारी बसंत कुमार ने बताया कि आम की बागवानी के लिए पूरे जिला में  अभी 260 एकड़ जमीन का चयन किया गया है, जिसमें  83 एकड़ की स्वीकृति दे दी गई है। स्वीकृत भूमि में पौधे लगाने के लिए 1600 गड्ढ़े खोद लिए गए हैं। कहा कि जो किसान बागवानी करना चाहते हैं, वे मुखिया, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, बीडीओ, बीपीओ आदि से संपर्क कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं।

chat bot
आपका साथी