20 यूनिट रक्त की जरूरत, महज तीन यूनिट उपलब्ध

गिरिडीह सदर अस्पताल स्थित रक्त अधिकोष में संग्रह रक्त की घोर कमी है। शुक्रवार को जिले क

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Sep 2020 07:58 PM (IST) Updated:Fri, 18 Sep 2020 07:58 PM (IST)
20 यूनिट रक्त की जरूरत, महज तीन यूनिट उपलब्ध
20 यूनिट रक्त की जरूरत, महज तीन यूनिट उपलब्ध

गिरिडीह : सदर अस्पताल स्थित रक्त अधिकोष में संग्रह रक्त की घोर कमी है। शुक्रवार को जिले के इस इकलौते ब्लड बैंक में महज तीन यूनिट रक्त की उपलब्धता रही। इस रक्त अधिकोष के भरोसे जिले की करीब 29 लाख की आबादी निर्भर है। कोई भी व्यक्ति जरूरत पड़ने पर रक्त लेने के लिए यहां पहुंच सकता है, लेकिन यहां रक्त की कमी के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। रक्त की अनुपलब्धता रहने की स्थिति में विशेष मरीजों को भी रक्त लेने के लिए डोनर लाना पड़ता है। सुबह में यहां दो यूनिट ब्लड़ उपलब्ध था, जिसके बाद एक यूनिट ब्लड डोनेट करने से दोपहर दो बजे के बाद यहां तीन यूनिट ब्लड स्टॉक में था। वहीं चार यूनिट ब्लड जरूरतमंदों ने डोनर लाकर प्राप्त किया। वैसे करीब 20 यूनिट रक्त की रोज यहां डिमांड है। ब्लड लेने के लिए ब्लड डोनेट करना पड़ता है। सबसे दिक्कत की बात तो यह है कि ब्लड डोनर लाने के बाद भी जरूरत के ग्रुप का रक्त बदलकर यहां से नहीं दिया जा सकता है क्योंकि उस ग्रुप का रक्त यहां के ब्लड़ बैंक में उपलब्ध भी नहीं रहता है। ऐसे में जिस ग्रुप के ब्लड की जरूरत रहती है लोगों को उसी ग्रुप के डोनर को लाना पड़ता है।

रक्त अधिकोष में उपलब्ध ब्लड : रक्त अधिकोष के फ्रीजर में शुक्रवार की दोपहर बाद महज तीन यूनिट रक्त उपलब्ध था। इनमें ए ग्रुप का एक यूनिट जबकि एबी ग्रुप का दो यूनिट रक्त शामिल है, जबकि अधिकांशत: ओ ग्रुप की ज्यादा आवश्यकता पड़ती है।

- विशेष रोग के मरीज को दिया जाता है बगैर डोनर के ही रक्त : कुछ विशेष रोग से ग्रसित मरीजों को बगैर डोनर के ही ब्लड़ बैंक से रक्त उपलब्ध कराया जाता है। इनमें वैसे मरीज शामिल हैं जो थैलेसीमिया रोग, हीमोफीलिया रोग, सिकलसेल एनीमिया रोग या एचआइवी से पीड़ित हैं। इन्हें बगैर डोनर के तब तक रक्त उपलब्ध कराया जाता है जब तक रक्त संग्रह केंद्र में रक्त उपलब्ध हो, लेकिन रक्त की अनुपलब्धता रहने पर डोनर के माध्यम से रक्त उपलब्ध कराया जाता है।

प्लाज्मा रखने की नहीं है कोई व्यवस्था : कोरोना को मात देकर स्वस्थ्य हुए लोगों से प्लाज्मा संग्रहित कर रखने की यहां कोई व्यवस्था नहीं है। जिस कारण कोरोना को मात देने वालों से यहां प्लाज्मा संग्रहित नहीं किया जा सका है।

वर्जन : वैसे तो महीने में चार से पांच कैंप आयोजित किए जाते हैं। रक्त अधिकोष में रक्त की कमी का कारण कैम्प में रक्तदान करने के लिए आनेवालों की कमी से हो रही है। कोरोना के कारण डोनर कैंप में नहीं आते हैं। वैसे ज्यादा जरूरी होने पर ब्लड डोनर के लिए सूचीबद्ध लोगों से संपर्क स्थापित कर जरूरतमंद लोगों को रक्त उपलब्ध कराया जाता है। प्लाज्मा रखने के लिए संसाधन की व्यवस्था नहीं है।

डॉ. अबू कासिम, प्रभारी, ब्लड बैंक।

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