Judge Murder Case: न्यायाधीश हत्याकांड में दोषियों को सजा आज, अदालत के फैसले पर टिकीं निगाहें
Judge Murder Case गुरुवार 28 जुलाई को न्यायाधीश उत्तम आनंद की पहली पुण्यतिथि के दिन सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने दोनों आरोपित राहुल वर्मा एवं लखन वर्मा को हत्या व साक्ष्य छिपाने का दोषी करार दिया था।
विधि संवाददाता, धनबाद: न्यायाधीश उत्तम आनंद हत्याकांड में धनबाद सीबीआइ की विशेष अदालत शनिवार को फैसला सुनाएगी। गुरुवार 28 जुलाई को न्यायाधीश उत्तम आनंद की पहली पुण्यतिथि के दिन सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने दोनों आरोपित राहुल वर्मा एवं लखन वर्मा को हत्या व साक्ष्य छिपाने का दोषी करार दिया था। छह अगस्त को सजा सुनाने की तारीख निर्धारित की गई थी। कानून के जानकार बताते हैं कि इस हत्याकांड में आजीवन कारावास से कम की सजा नहीं हो सकती। अदालत चाहे तो और कड़ी सजा सुना सकती है। अब सबकी निगाहें अदालत के फैसले पर टिकी है।
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स्पीडी ट्रायल से साल भर में आया फैसला
विशेष अदालत ने इस मामले का स्पीडी ट्रायल किया। 22 फरवरी 2022 को आरोप तय होने के बाद महज पांच महीने में 58 गवाहों का बयान दर्ज कर लिया गया। अदालत ने सुनवाई के बाद 28 जुलाई 2022 की तारीख जजमेंट के लिए निर्धारित कर दी थी। सुनवाई के दौरान सीबीआइ के क्राइम ब्रांच के स्पेशल पीपी अमित जिंदल ने आरोप पत्र के कुल 169 गवाहों में से 58 गवाहों का बयान दर्ज कराया था। सीबीआइ ने दावा किया था कि आरोपित लखन वर्मा एवं राहुल वर्मा ने जानबूझकर जज साहब को टक्कर मारी, जिससे उनकी मौत हुई। वहीं बचाव पक्ष ने इसे महज एक दुर्घटना बताया था।
[जज उत्तम आनंद का फाइल फोटो (बाएं) और दूसरी ओर हत्याकांड में फैसला सुनाने वाले सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक]
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कोर्ट ने कहा था, हर हत्याकांड में मोटिव हो, यह जरूरी नहीं
बीते 28 जुलाई को अपना फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने कहा कि हर हत्याकांड में कोई मोटिव या इंटेशन हाे, यह जरूरी नहीं। उन्होंने कहा कि यदि अभियुक्त यह जानता है कि उसके कार्य से किसी की मौत हो सकती है तो फिर इटेंशन की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि ऑटो से टक्कर मारी गई और उत्तम आनंद की मौत हुई। धक्का लगने की वजह से जब साहब के सिर में गंभीर चोट लगी थी, जो मृत्यु के लिए पर्याप्त थी। सभी डॉक्टरों के बयान और फॉरेंसिक रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि हुई है।
अभियुक्तों ने कोर्ट को मिस लीड करने का किया प्रयास
न्यायाधीश रजनीकांत पाठक ने कहा था कि इस पर विवाद नहीं है कि ऑटो लखन चला रहा था राहुल उसके बगल मे बैठा था। उन्होंने कहा कि अभियुक्तों ने अदालत को मिस लीड करने का प्रयास किया। सीबीआइ को भी मिस लीड किया। अपना बयान बदलते रहे। कोर्ट मे दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाया। अदालत ने आइपीसी की धारा 302, 201 और 34 के तहत दोनों को दोषी करार देते हुए सजा के बिंदु पर सुनवाई की तारीख 6 अगस्त की निर्धारित की थी।