Shaharnama Dhanbad: ठाकुर साहब ! सिर्फ सपना ही नहीं, अपनी राजनीतिक जमीन भी तो देख लीजिए

झरिया में कोयरीबांध के रहने वाले सुमित बर्णवाल उर्फ मोनू ने सोचा न था कि सच बोलने पर वो कसूरवार बन जाएगा। वो रोजाना गरीबों के सरकारी राशन की कालाबाजारी देख रहा था। अपर जिला दंडाधिकारी को संदेश दिया कि कुछ लोग गरीबों का निवाला बेच रहे हैैं।

By MritunjayEdited By: Publish:Tue, 05 Oct 2021 07:58 AM (IST) Updated:Tue, 05 Oct 2021 08:07 AM (IST)
Shaharnama Dhanbad: ठाकुर साहब ! सिर्फ सपना ही नहीं, अपनी राजनीतिक जमीन भी तो देख लीजिए
झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर और अन्य ( फाइल फोटो)।

अश्विनी रघुवंशी, धनबाद। झारखंड बनने के बाद 21 साल बाद कांग्रेस ने पहली बार सामान्य श्रेणी से आने वाले राजेश ठाकुर को प्रदेश में संगठन की कमान दी है। पहले जनजातीय समुदाय के लोग कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी संभालते रहे हैं। राजेश ठाकुर कोयलांचल आए तो संदेश सुना गए कि अगला सांसद पंजा छाप से होगा। प्रदेश अध्यक्ष बोकारो के रहने वाले हैं जो धनबाद लोकसभा क्षेत्र में आता है। सिर्फ बोकारो जिला की बात करें तो वहां दो विधानसभा क्षेत्रों में आठ लाख से अधिक मतदाता है। लोकसभा चुनाव में तीन साल शेष हैं। राजेश ठाकुर को पता है कि धनबाद में लगातार तीन बार भाजपा के टिकट पर पीएन सिंह पताका फहराए हैं। उन्हें ज्ञात तो यह भी है कि पीएन सिंह 75 साल की उम्र पार चुके हैं। पुराना योद्धा मैदान में न होगा। अभी से कांग्रेसियों को जगाने में भी लग गए हैं।

सच बोले तो हो गए कसूरवार

झरिया में कोयरीबांध के रहने वाले सुमित बर्णवाल उर्फ मोनू ने सोचा न था कि सच बोलने पर वो कसूरवार बन जाएगा। वो रोजाना गरीबों के सरकारी राशन की कालाबाजारी देख रहा था। अपर जिला दंडाधिकारी को संदेश दिया कि कुछ लोग गरीबों का निवाला बेच रहे हैैं। झरिया थाना की पुलिस को वह गोदाम दिखा दिया, जहां सरकारी राशन को रखा गया था। पुलिस आई। देख कर चली गई। कुछ दिनों के बाद कालाबाजारी को जा रहा सरकारी राशन पकड़ाया। झरिया थाना में प्राथमिकी में उसका भी नाम जोड़ दिया। सुमित हतप्रभ। अपर जिला दंडाधिकारी से पीड़ा का इजहार कि सच बोलना बहुत भारी पड़ गया। खैर, साहब ने भरोसा दिलाया है कि वो बेगुनाह है तो पुलिस अनुसंधान के बाद उसका नाम केस से बाहर हो जाएगा। मोनू के साथ जो हो, अब सच बोलने से तो कोई भी पीछे हट जाएगा।

गुलाब ने दिखाए व्यवस्था के कांटे

गुलाब नामक चक्रवात आया तो उसने व्यवस्था के कांटे सबको दिखा दिए। दो दिनों तक लाखों लोग हैरान-परेशान रहे। लगा कि कोई सरकारी तंत्र है ही नहीं। हर ओर हाहाकार। जनता पूछना चाहती थी, मगर कोई जवाब देना वाला तक नहीं था। कुसुम विहार में किरण कुमारी प्लास्टिक की बाल्टी में बारिश का पानी जमा कर रही थी। कोयला नगर की ज्योति कुमारी का इनवर्टर जवाब दे गया था, एक बल्ब जला रही थी वह भी गुल। हंस विहार समेत अनेक आवासीय कालोनी में कमर तक पानी जमा था। सिंफर के सामने आलम ये था कि दो लोग बाइक धकेल रहे थे। कई बार गिरे। गाड़ी के साइलेंसर में पानी घुस गया था। दो दिनों तक पानी आपूर्ति बंद रही। जिन घरों में बोङ्क्षरग थी, वो भी बिजली बिन मददगार साबित नहीं हुई। कहीं दो दिन बाद बिजली आई तो कहीं चार दिन बाद।

बंदूक वाले कृष्णा ने बढ़ाया तनाव

कोयला राजधानी के अधिकतर हिस्से में अपराध है। इसका कारण है, कोयला की काली कमाई। यहां सिर्फ टुंडी ऐसा इलाका है जहां माओवाद है। जंगल है। पहाड़ है। जनजातीय समुदाय है। यानी माओवाद के लिए बेहद मुफीद जगह। पहले नुनूचांद एरिया कमांडर था। उसने आत्मसमर्पण कर दिया तो एकबारगी ऐसा लगा कि यह इलाका माओवाद से मुक्त हो जाएगा। ऐसा हुआ नहीं। अब टुंडी से पीरटांड़ तक भाकपा माओवादी के संगठन को नए सिरे से खड़ा करने की जवाबदेही एरिया कमांडर कृष्णा हांसदा को दी गई है। यह कृष्णा बांसुरी नहीं बजाता बल्कि बंदूक चलाता है। यहां सीआरपीएफ के तीन शिविर है। खुफिया सूचना आई कि खुद को बड़े माओवादी लीडर के नाते स्थापित करने को कृष्णा कभी भी वार कर सकता है। सो, सीआरपीएफ जवान हथियार ताने जंगलों में निकल पड़े हैैं। यहां पुलिस से बहुत उम्मीद नहीं कीजिए। वसूली भी बड़ा काम है।

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