Farewell To Soumitra Chatterjee: धनबाद बुक फेयर में शरीक होने आए थे बांग्ला फिल्म कलाकार सौमित्र चटर्जी, निधन की खबर से कला जगत शोकाकुल

बहुत कम लोगों को ही पता होगा कि सौमित्र जैसे दिग्गज अभिनेता कभी धनबाद भी आए थे। धनबाद के हीरापुर लिंडसे क्लब में पूरा दिन गुजारा था। बांग्ला आवृत्ति भी पेश की थी। यहां के कलाकारों से और कला संस्कृति से रूबरू भी हुए थे।

By MritunjayEdited By: Publish:Sun, 15 Nov 2020 05:12 PM (IST) Updated:Sun, 15 Nov 2020 05:12 PM (IST)
Farewell To Soumitra Chatterjee: धनबाद बुक फेयर में शरीक होने आए थे बांग्ला फिल्म कलाकार सौमित्र चटर्जी, निधन की खबर से कला जगत शोकाकुल
धनबाद में पुस्तक मेला के दाैरान सौमित्र चटर्जी के साथ सोमनाथ चाैधरी ( फाइल फोटो)।

धनबाद [ तापस बनर्जी ]। दुनिया ने आज बांग्ला फिल्म जगत के धाकड़ कलाकार सौमित्र चैटर्जी को खो दिया। उनके निधन से सिर्फ बंगाल नहीं बल्कि दुनियाभर के कलाकार शोक संतप्त हैं। 85 वर्षीय अभिनेता कोरोना से पीड़ित पाए गए थे। रविवार को दोपहर लगभग 12.15 पर उनका निधन हो गया। उनके निधन से धनबाद का कला जगत शोकाकुल है। 

सौमित्र का धनबाद कनेक्शन 

बहुत कम लोगों को ही पता होगा कि सौमित्र जैसे दिग्गज अभिनेता कभी धनबाद भी आए थे। धनबाद के हीरापुर लिंडसे क्लब में पूरा दिन गुजारा था। बांग्ला आवृत्ति भी पेश की थी। यहां के कलाकारों से और कला संस्कृति से रूबरू भी हुए थे। मौका था लिंडसे क्लब में आयोजित बुक फेयर का। धनबाद में बुक फेयर की शुरुआत लिंडसे क्लब से ही हुई थी। बांग्ला समुदाय से जुड़े तमाम लोग बुक फेयर में शरीक होते थे और पश्चिम बंगाल के चर्चित कलाकार भी बुक फेयर में शामिल होने आते थे। सौमित्र चैटर्जी भी 11 अप्रैल 2001 को बुक फेयर में बतौर अतिथि शिरकत करने पहुंचे थे। उन्होंने पूरा दिन कला संस्कृति और पुस्तक प्रेमियों के साथ बिताया था। शाम लिंडसे क्लब में आयोजित सांस्कृतिक समारोह में भी शरीक हुए थे।

अभिनेता के साथ अच्छे लेखक और कवि भी थे 

उनके धनबाद आगमन के दौरान दिन भर उनके साथ रहे सोमनाथ चौधरी बताते हैं कि अभिनेता सौमित्र चटर्जी सिर्फ एक अच्छे अभिनेता ही नहीं थे बल्कि अच्छे लेखक और कवि भी थे। बांग्ला फिल्म जगत में उन्हें मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से भी जानता था क्योंकि उन्हें जो किरदार मिलता था, उसी किरदार को जीवंत कर देते थे। उन्हें धनबाद तक लाने का श्रेय कृष्णेन्दु गुप्ता को है। कृष्णेन्दु ही धनबाद बुक फेयर के जनक भी हैं। बहुचर्चित फिल्म निदेशक सत्यजीत रे के फेवरेट कलाकारों में सौमित्र भी एक थे। उनकी निदेशित फिल्म "अपूर संसार" से ही सौमित्र ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी।

फ्रांस से अवार्ड पाने वाले विश्व के पहले कलाकार 

वैसे तो सौमित्र चटर्जी पद्मभूषण और दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित अभिनेता थे। पर पहले भारतीय अभिनेता थे जिन्हें फ्रांस के "ऑर्डर डेस आर्ट्स एट डेस लेटर्स" अवार्ड से नवाजा गया था।

बंगाली कल्याण समिति ने कहा, देश के लिए अपूरणीय क्षति 

बंगाली कल्याण समिति सौमित्र चटर्जी के निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया। दिवंगत आत्मा की शांति के साथ साथ उनके परिवार के प्रति गंभीर संवेदना व्यक्त की। शोक संदेश में समिति के चेयरमैन सह सिम्फर के पूर्व निदेशक अमलेंदु सिन्हा ने दुनिया ने एक महान कलाकार के साथ साथ एक उच्च कोटि के इंसान को खो दिया। विकास कांति खान, तनमय गोन, कंचन डे, प्रणब देव, गोपी विश्वास , पुलक घोष, अंजन चक्रवर्ती, चंदन मोइत्रा, सुजीत रंजन, भवानी बंदोपाध्याय, चंदन चटर्जी के साथ साथ समिति के अन्य कई पुरुष एवं महिला सदस्य ने शोक संदेश दिए।

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