Happy Diwali 2019: दिवाली के उल्लास में डूबा कोयलांचल, रात भर लक्ष्मी-गणेश पूजन का मुहूर्त

रविवार को दिन में 1151 बजे से कार्तिक अमावस्या शुरू हो रही है जो सोमवार सुबह 944 बजे तक रहेगी। इस तरह पूरी रात मां लक्ष्मी भगवान गणेश व कुबेर देवता की पूजा की जा सकती है।

By MritunjayEdited By: Publish:Sun, 27 Oct 2019 08:25 AM (IST) Updated:Sun, 27 Oct 2019 03:00 PM (IST)
Happy Diwali 2019: दिवाली के उल्लास में डूबा कोयलांचल, रात भर लक्ष्मी-गणेश पूजन का मुहूर्त
Happy Diwali 2019: दिवाली के उल्लास में डूबा कोयलांचल, रात भर लक्ष्मी-गणेश पूजन का मुहूर्त

धनबाद, जेएनएन। दिवाली का दिन। धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने का दिन। धनबाद समेत पूरा कोयलांचल दिवाली के उल्लास में डूब गया है। घर-घर में मां लक्ष्मी और विध्न विनाशक भगवान गणेश की पूजा हो रही है। वैसे, आज यानी रविवार को दिन में 11:51 बजे से कार्तिक अमावस्या शुरू हो रही है जो सोमवार सुबह 9:44 बजे तक रहेगी। इस तरह पूरी रात मां लक्ष्मी, भगवान गणेश व कुबेर देवता की पूजा की जा सकती है। आज काली पूजा भी है। इस पूजन का मुहर्त रात 11:40 बजे से है।

कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी धनतेरस को दिवाली के त्योहार का शुभारंभ हो जाता है। तभी से लोग धन की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय करने लगते हैं। दीपावली की पूर्व संध्या पर धनबाद के प्रमुख बाजारों में हीरापुर पार्क मार्केट, हीरापुर हटिया बाजार, पुराना बाजार, बैंकमोड़, स्टीलगेट, बरटांड़, झरिया बाजार, कतरास बाजार खूब भीड़ रही। शनिवार को मौसम साफ रहने पर लोग लोग पूजन सामग्री व सजावट के सामान खरीदने के लिए बाजार निकले जिससे शाम को पुराना बाजार, हीरापुर मार्केट, हटिया बाजार, बैंकमोड़, समेत स्टीलगेट लोगों की भीड़ से पटा रहा। महिलाओं ने लक्ष्मी-गणेश की पूजा के लिए पूजन सामग्री की खरीदारी की। लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, दीया-बाती, घरौंदा, मिठाई, रंगीन लाइट, फल-फूल की जमकर खरीदारी हुई।

मिट्टी की मूर्ति पांच हजार तक बिकीः दीपावली पर गंगा मिट्टी से बनी लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खूब डिमांड में है। मिट्टी की मूर्ति 40 से 5000 रुपये में बिकी। वहीं शो पीस गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां 300 से 5000 रुपये में बिकी। मिट्टी से बना दीया 60 से 70 रुपये सैकड़ा और गंगा मिट्टी का दीया 150 रुपये सैकड़ा, गंगा मिट्टी का डिजाइनर दीया तीन से 50 रुपये प्रति पीस, थाली दीया 50 से 100 और फैंसी दीया 25 से 250 रुपये तक बिक रहा है। पूजा में भगवान पर चढ़ाए जाने वाला माला 10 से लेकर 700 रुपये में मिल रहा है। वहीं भगवान के पोशाक 10 से 700 रुपये में बिक रहे हैं। बैंकमोड़ स्थित ऑबलाइज के संचालक सुरेंद्र अरोड़ा के अनुसार इस बार  सजावट के सामान में लाफिंग बुद्धा, फाउंटेन व श्रीयंत्र खूब डिमांड में है।

डिमांड में मिट्टी के घरौंदेः दीपावली को लेकर मिट्टी के घरौंदे का पूरा डिमांड रहा। हीरापुर सब स्टेशन से हटिया मोड़ तक मिट्टी के घरौंदे के स्टॉल पर अच्छी भीड़ रही। दूर-दूर से लोग घरौंदे खरीदने को पहुंचे। घरौंदे 150 से 500 रुपये तक में बिके। वहीं थर्मोकोल के घरौंदे 100 से 300 व लकड़ी के घरौंदे 200 से 400 रुपये में बिके। घरौंदा खिलौना 30 से 65 रुपये में बिक रहे हैं।

दीपावली पूजन में स्थिर लग्न एवं चौघडिय़ा मुहूर्त की प्रधानता है। पंडित रमाशंकर तिवारी के अनुसार उत्तम स्थिर लग्न मुहूर्तः- कुंभ लग्न - दिन 2:09 बजे से दिन 3:40 बजे तक। वृष लग्न - शाम 6:45 बजे से रात्रि 8:41 बजे तक। सिंह लग्न - रात्रि 1:13 बजे से रात्रि 3:27 बजे तक। पूजन के लिए चौघडिय़ा मुहूर्त शुभ-दिन 12:54 से दिन 2:18 बजे तक। शुभ-सायं 5:09 से संध्या 6:44 बजे तक। अमृत- संध्या 6:45 से रात्रि 8:19 बजे तक। लाभ- रात्रि 1:03 से रात्रि 2:38 बजे तक।

हीरापुर, पुराना बाजार, मनईटांड़ में काली पूजा की तैयारी पूरीः कार्तिक महीना भगवान विष्णु और  देवताओं का प्रिय महीना है। इसी मास में माता काली का भी अवतरण हुआ था। कार्तिक अमावस्या की मध्य रात्रि मां काली अवतरित हुईं थीं। इस कारण अमावस्या तिथि के निशीथ काल में मंदिरों व पूजा पंडालों में काली पूजा की जाती है। रविवार मध्य रात्रि निशीथकालीन अमावस्या है। रविवार को रात 11:40 बजे से काली पूजा का शुभ मुहूर्त है जो देर रात तक रहेगा। धनबाद में काली मंदिरों व पंडालों में धूमधाम से काली पूजा मनाई जाती है। हीरापुर चिल्ड्रन पार्क, हरी मंदिर, हीरापुर पोस्टल क्र्वाटर रोड, हीरापुर हटिया बाजार, पुराना बाजार में काली पूजा मनाने की तैयारी की गई है। हीरापुर चिल्ड्रन पार्क में हस्तिनापुर साम्राज्य रुपी पंडाल में मां काली विराजेंगी। यहां महाभारत युद्ध काल का हस्तिनापुर साम्राज्य देखने को मिलेगा। इसमें महाभारत युद्ध से पूर्व का हस्तिनापुर देखने को मिलेगा। भगवान कृष्ण पांडव व कौरव को गीता का उपदेश देते दिखेंगे। महाभारत युद्ध के पात्र भीष्म पितामह, युद्धिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव, दुर्योधन, शकुनी भी दिखेंगे। फाइबर के बने विशालकाय हाथी व घोड़े और सैनिक आकर्षण के केंद्र होंगे। यहां मां काली की मूर्ति 15 फीट ऊंची है। रविवार रात 10:30 बजे काली पूजा शुरू होगी। रात एक बजे से भोग वितरण होगा। 30 अक्टूबर को मूर्ति का विसर्जन किया जाएगा।

chat bot
आपका साथी