अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़ा की तैयारी

जागरण संवाददाता, देवघर : देवघर में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के लिए किए गए ऑनलाइन आवेदनों की ज

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Jan 2019 06:55 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jan 2019 06:55 AM (IST)
अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़ा की तैयारी
अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़ा की तैयारी

जागरण संवाददाता, देवघर : देवघर में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के लिए किए गए ऑनलाइन आवेदनों की जांच में काफी संख्या में फर्जी छात्रों का नाम सामने आ रहा है। इस सूचना के बाद कल्याण विभाग चौकन्ना हो गया है और संबंधित शिक्षण संस्थानों से पूछताछ शुरू हो गई है। एएस महाविद्यालय के नाम पर 130 छात्रों ने जो आवेदन दिए हैं, जांच में सभी फर्जी पाए गए हैं। विभाग ने जब आवेदन में दर्ज मोबाइल नंबर पर फोन कराया तो कोई सटीक जवाब नहीं आया। शक को बल मिलते ही विभाग ने कॉलेज के प्राचार्य को भौतिक सत्यापन करने को कहा। प्राचार्य ने जब विभाग को स्पष्ट कर दिया है कि सूचीबद्ध कोई भी छात्र का सत्यापन संस्थान ने नहीं किया है, तब विभाग में हड़कंप मच गया। कल्याण पदाधिकारी के लॉगिन में आए सभी 1156 आवेदनों को पें¨डग कर दिया गया है। अब सबका ऑफलाइन सत्यापन कराया जाएगा। आवेदन देने का प्रावधान : झारखंड राज्य अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम की ओर से अल्पसंख्यक प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक एवं मेरिट कम मीन्स छात्रवृत्ति का प्रावधान किया गया है। इसमें किसी भी सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थान में अध्ययनरत छात्र ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। सरकार ने सत्यापन का ऐसा कोई ठोस आधार कल्याण विभाग को नहीं दिया है जिससे वह किसी गड़बड़ी को पकड़ सके। संस्थान के माध्यम से लॉगिन किए गए छात्रों को छात्रवृत्ति भुगतान के लिए कल्याण पदाधिकारी अनुशंसित कर देंगे, उसके बाद सरकार उस छात्र के खाता में राशि भेज देगी। सबसे बड़ी गड़बड़ी यह कि कल्याण विभाग ने अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में 50 हजार से कम के छात्रवृत्ति में किसी तरह का दस्तावेज अपलोड करने का प्रावधान नहीं किया है। बावजूद सरकार ने जिला कल्याण पदाधिकारी से कहा कि वह अपने स्तर से इसकी जांच करा लें। नहीं है संस्थान की अनुशंसा : देवघर के सरकारी एवं गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों की ओर से 2018-19 के लिए 1156 आवेदन ऑनलाइन विभाग को मिले हैं। भारत सरकार के नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर छात्रों ने स्कूल या कॉलेज का नाम दर्ज कर आवेदन दिया। इसमें अपना मोबाइल नंबर डाल दिया। ओटीपी उसके मोबाइल पर आया उसके बाद वह कॉलेज का यूजर आइडी व पासवर्ड बना लिया है, जैसा की प्रथमदृष्टया सामने आया है। क्योंकि कॉलेज स्तर से ऑनलाइन सत्यापन के बाद ही कल्याण पदाधिकारी के लॉगिन में वह आवेदन आता है। आखिर संस्थान से अनुशंसा किए बगैर कल्याण विभाग के लॉगिन में यह कैसे आया, यही जांच का विषय है।

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अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में दस्तावेज अपलोड का प्रावधान नहीं रहने के कारण, ऑफलाइन सत्यापन के लिए सभी संस्थान प्रमुख को पत्र लिखा गया। एएस कालेज के प्राचार्य ने पत्र भेजकर यह स्पष्ट कर दिया है कि उनके स्तर से किसी का भी सत्यापन नहीं किया गया है। सभी 130 आवेदन को अपने स्तर से निरस्त कर दें। अब सभी संस्थान से लिखित सत्यापन मांगा जा रहा है। यह विस्तृत जांच का विषय है। उपायुक्त को इसकी रिपोर्ट कर रहे हैं।

बीबी राय, प्रभारी जिला कल्याण पदाधिकारी।

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