डॉक्टर साहब, ऐसे समय में मदद को निकलिए

बोकारो चिकित्सक धरती के भगवान होते हैं। वह हमेशा दुख में आपके साथ होते हैं। यह के

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Apr 2020 08:22 PM (IST) Updated:Fri, 03 Apr 2020 06:18 AM (IST)
डॉक्टर साहब, ऐसे समय में मदद को निकलिए
डॉक्टर साहब, ऐसे समय में मदद को निकलिए

बोकारो : चिकित्सक धरती के भगवान होते हैं। वह हमेशा दुख में आपके साथ होते हैं। यह केवल पैसा कमाने का पेशा नहीं बल्कि जरूरतमंदों की सेवा करने का माध्यम भी है। पर बोकारो के निजी चिकित्सकों को सामाजिक सरोकार से कुछ भी लेनादेना नहीं है। लॉकडाउन के बाद जिला प्रशासन की ओर से अपील के बावजूद कुछ एक नर्सिंग होम व अस्पताल को छोड़कर अन्य चिकित्सकों ने कोई रुचि नहीं दिखाई। कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ा तो निजी चिकित्सकों ने अपने हाथ खड़े कर दिए। संक्रमण का इतना खतरा इनपर हावी हुआ कि जिले के करीब सारे निजी चिकित्सकों ने अपने-अपने क्लीनिकों को बंद कर दिए हैं।

जबकि, इस वैश्विक महामारी को लेकर केंद्र व राज्य सरकार की ओर से बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने की अपील लगातार की जा रही है। बावजूद, इस अपील का पालन आज सिर्फ सरकारी डॉक्टरों के ऊपर दिख रहा है।

ज्यादातर निजी चिकित्सकों ने अपने क्लीनिक एवं नर्सिंग होम पर ताला डाल दिया है। इससे अन्य रोगों के मरीज दर-दर भटकने के लिए मजबूर हैं। पूरे मामले में आइएमए की अध्यक्ष डॉ. नीता सिन्हा से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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मरीजों को नहीं मिल रहा परामर्श : कई मरीज ऐसे हैं जिन्होंने चिकित्सकों को दिखा तो लिया लेकिन अब उनके नहीं मिलने से मरीज किसी तरह दवा दुकानदारों से पुराने कागज पर दवा खरीद रहे हैं। चिकित्सकों के नहीं रहने के कारण दवा दुकानदारों की भी स्थिति खराब है।

स्वास्थ्य व्यवस्था एक नजर

सदर अस्पताल : 1.

अनुमंडलीय व रेफरल अस्पताल : 4

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र : 9

अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र 14

उपकेन्द्र- 120

सरकारी ओपीडी में मरीजों का इलाज: 2000 प्रतिदिन

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निजी अस्पातल व क्लिनिक

पंजीकृत लगभग - 300

निजी चिकित्सक : 450 लगभग

प्रतिदिन ओपडीह में : 6 से 7 हजार

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वर्जन ::

सरकार की ओर से दवा दुकानों को खोलकर रखने का निर्देश दिया गया है। लेकिन, निजी क्लिनिकों के बंद होने से दवा की बिक्री पर इसका पूरा असर पड़ा है। सिर्फ इमरजेंसी के मरीज या पूर्व में चिकित्सक द्वारा दिखाए गए मरीज के परिजन ही दवा की खरीदारी कर रहे हैं।

सुजीत चौधरी, महासचिव, बोकारो जिला केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन

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वर्जन ::

निजी क्लिनिक को बंद करने का कोई आदेश नहीं दिया गया है। लेकिन यदि डॉक्टरों ने अपने निजी क्लिनिक बंद किए हैं तो यह उनका एहतियाती कदम है। निजी क्लिनिक बंद हैं तो लोग सरकारी अस्पतालों में अपना इलाज कराएं। बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने को लेकर स्वास्थ्य विभाग तत्पर है।

डॉ. अशोक कुमार पाठक, सिविल सर्जन, बोकारो

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