अब अपने पांव पर खड़ी हो पाएगी भोली

अब मैं पूरे गांव का चक्कर लगा पाऊंगी और अपने लिए कुछ पैसा भी कमा पाऊंगी। हरोली के बट्टकलां गांववासी भोली देवी सरकार से मोटरयुक्त ट्राइ साइकिल मिलने के बाद खुशी से यह बात बताती है। जन्म के आठ महीने बाद से चलने फिरने में असमर्थ भोली देवी के लिए सरकार की योजना वरदान सिद्ध

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Feb 2019 05:37 PM (IST) Updated:Fri, 15 Feb 2019 05:37 PM (IST)
अब अपने पांव पर खड़ी हो पाएगी भोली
अब अपने पांव पर खड़ी हो पाएगी भोली

संवाद सहयोगी, हरोली : 'अब मैं पूरे गांव का चक्कर लगा पाऊंगी और अपने लिए कुछ पैसा भी कमा पाऊंगी। हरोली के बट्टकलां गांववासी भोली देवी ने सरकार से मोटरयुक्त ट्राईसाइकिल मिलने के बाद खुशी से यह बात बताई।

जन्म के आठ महीने बाद से चलने फिरने में असमर्थ भोली देवी के लिए सरकार की योजना वरदान सिद्ध हुई है। बचपन में बुखार ने उसे दिव्यांग बना दिया। उसकी दोनों टांगें व एक बाजू ने काम करना बंद कर दिया, लेकिन भोली देवी ने हिम्मत नहीं हारी। आज वह घर का लगभग सारा काम कर लेती है और आत्मनिर्भर भी है। कपड़े सिलकर वह रोजाना लगभग 300 रुपये कमाती है। गांव के लोग भोली देवी के पास कपड़े सिलाई के लिए लेकर आते हैं और इसी तरह से वह अपने लिए रोजी-रोटी कमा लेती है।

गत दिनों ऊना में दिव्यांगों के लिए सरकार की ओर से आयोजित जागरूकता शिविर और उपकरण वितरण कार्यक्रम में भोली देवी को मोटरयुक्त ट्राईसाइकिल मिली। दिव्यांग भोली देवी बताती है कि पहले वह गांव नहीं घूम पाती थी और घर पर ही रहने को मजबूर थीं। लेकिन अब सरकार से मिली ट्राईसाइकिल पर सवार होकर वह न केवल पूरे गांव का चक्कर लगाएगी बल्कि ग्राहकों को उनके घर-द्वार पर ही सिले हुए कपड़े भी छोड़ सकेगी तथा सिलाई के लिए कपड़े भी वह ग्राहकों से स्वयं ला सकेगी। भोली देवी का कहना है कि सरकार की यह मदद न केवल उसे अब अपने पांव पर खड़ा होने में मददगार साबित होगी बल्कि आजीविका कमाने में भी उसे सहूलियत होगी।

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सरकार दिव्यांगजनों के उत्थान व कल्याण को लेकर अनेक योजनाएं व कार्यक्रम चला रही है ताकि ये भी अपने पांव पर खड़ा होकर स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बन सकें। प्रदेश सरकार द्वारा जनमंच के माध्यम से दिव्यांगजनों को मौके पर ही प्रमाणपत्र बनाकर दिए जा रहे हैं।

-राकेश कुमार प्रजापति, उपायुक्त ऊना।

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