टीसीपी के दायरे में आए लोग परेशान
जागरण संवाददाता, गगरेट : ग्राम एवं नगर नियोजन विभाग की लापरवाही आम जनता के लिए मुसीबत का सबब बन गई ह
जागरण संवाददाता, गगरेट : ग्राम एवं नगर नियोजन विभाग की लापरवाही आम जनता के लिए मुसीबत का सबब बन गई है। उपमंडल अम्ब के कई गांव ग्राम एवं नगर नियोजन विभाग के दायरे में ले लिए गए हैं लेकिन अभी तक उपमंडल अम्ब में विभाग का एक कार्यालय खुल नहीं पाया है। लोगों को जरूरी कार्यो के लिए बार-बार ऊना स्थित विभागीय कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार उपमंडल अम्ब के करीब दो दर्जन गांव ग्राम एवं नगर नियोजन विभाग के दायरे में ले लिए गए हैं। इन गांवों में अब न तो अनियोजित भवन निर्माण किया जा सकता है और न ही ग्राम एवं नगर नियोजन विभाग के अनापत्ति प्रमाण-पत्र के बिना पेयजल व बिजली कनेक्शन लिया जा सकता है। हालांकि अस्थायी व्यवस्था के तहत ग्राम एवं नगर नियोजन विभाग का एक कर्मचारी सप्ताह में एक दिन नगर पंचायत गगरेट के कार्यालय में बैठता है लेकिन इससे समस्या का हल नहीं हो रहा है। अगर कोई व्यक्ति भवन निर्माण के लिए नक्शा पास करवाने जाता है तो उसे औपचारिकताएं समझने के लिए ही एक महीना लग रहा है। अगर किसी व्यक्ति को अपना जरूरी कार्य शीघ्र करवाना हो तो उसे या तो ऊना स्थित ग्राम एवं नगर नियोजन विभाग के कार्यालय जाना पड़ता है या फिर नगर पंचायत गगरेट में विभागीय कर्मचारी के आने का इंतजार करना पड़ता है। उस पर भी तुर्रा यह है कि उक्त कर्मचारी के पास इतनी शक्तियां भी नहीं कि वह अपने स्तर पर नक्शा पास कर सके या फिर बिजली या पेयजल कनेक्शन के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी कर सके। नगर पंचायत गगरेट की अध्यक्ष डॉ. किरण वर्मा का कहना है कि अगर प्रदेश सरकार ने क्षेत्र के कई गांव ग्राम एवं नगर नियोजन विभाग के दायरे में लेने थे तो इसके लिए उपमंडल अम्ब में एक अदद कार्यालय भी खोलना चाहिए था। उधर, ग्राम एवं नगर नियोजन विभाग के सहायक नगर योजनाकार प्रदीप ठाकुर का कहना है कि कार्यालय खोलना प्रदेश सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। जनता को परेशानी न हो इसके लिए सप्ताह में एक बार विभागीय कर्मचारी नगर पंचायत गगरेट के कार्यालय में भेजा जा रहा है।