हिमाचल के सबसे बड़े टैक्स चोरी मामले में एफआइआर

दस्तावेजों में विभाग ने 2175.51 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के साथ ही बैंकों के 2300 करोड़ के कर्ज घोटाले का जिक्र भी किया है।

By BabitaEdited By: Publish:Tue, 13 Mar 2018 11:06 AM (IST) Updated:Tue, 13 Mar 2018 11:44 AM (IST)
हिमाचल के सबसे बड़े टैक्स चोरी मामले में एफआइआर
हिमाचल के सबसे बड़े टैक्स चोरी मामले में एफआइआर

नाहन, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े टैक्स चोरी मामले में आबकारी एवं कराधान विभाग ने इंडियन टेक्नोमैक कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) व तीन निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। मामला सामने आने के पांच साल बाद रविवार देर रात 2175.51 करोड़ रुपये की टैक्स रिकवरी के लिए सिरमौर के माजरा पुलिस थाना में मामला दर्ज करवाया गया है।

पुलिस के अनुसार आबकारी एवं कराधान विभाग ने कंपनी के प्रबंध निदेशक राकेश कुमार शर्मा (हाउस नंबर 4512 सेक्टर बी 5-6 बसंत कुंज दिल्ली), विनय शर्मा, रंगनाथन श्रीनिवासन (ए/वी/32 एनएमएल क्वार्टर एग्रोको एरिया जमशेदपुर) व अश्वनी शर्माके खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। दस्तावेजों में विभाग ने 2175.51 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के साथ ही बैंकों के 2300 करोड़ के कर्ज घोटाले का जिक्र भी किया है। इसके अतिरिक्त आयकर विभाग के 780 करोड़ रुपये की कंपनी पर देनदारी बताई गई है। विभाग की मूल राशि में अगर ब्याज जोड़ा जाए तो यह छह हजार करोड़ का आंकड़ा पार कर जाएगा।

कैसे सामने आया था मामला

आबकारी व कराधान विभाग की आर्थिक सतर्कता टीम ने 18 फरवरी, 2014 को जब कंपनी के दस्तावेज की जांच की तो पाया कि यहां 2008 में उद्योग की शुरुआत से ही टैक्स चोरी की जा रही थी। इस पर विभाग की इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (ईआइयू) ने प्रारंभिक जांच में 74 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी को पकड़ा। फिर ईआइयू ने मार्च में कंपनी का रिकॉर्ड जब्त कर गहन छानबीन की तो 2175.51 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी व घोटाले का मामला सामने आया।

chat bot
आपका साथी