प्रशिक्षु परिचालकों ने डेढ़ साल में एचआरटीसी को लगाई लाखों की चपत

राजन पुंडीर, नाहन लंबे समय से कंडक्टरों की कमी से जूझ रही एचआरटीसी को डेढ़ वर्ष पहले प्रशिक्षु परि

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Mar 2017 01:00 AM (IST) Updated:Wed, 22 Mar 2017 01:00 AM (IST)
प्रशिक्षु परिचालकों ने डेढ़ साल में एचआरटीसी को लगाई लाखों की चपत
प्रशिक्षु परिचालकों ने डेढ़ साल में एचआरटीसी को लगाई लाखों की चपत

राजन पुंडीर, नाहन

लंबे समय से कंडक्टरों की कमी से जूझ रही एचआरटीसी को डेढ़ वर्ष पहले प्रशिक्षु परिचालक तो मिल गए, मगर यह प्रशिक्षु परिचालक अब निगम के गले की फास बन रहे है। कौशल विकास भत्ते के तहत 75 दिन के प्रशिक्षण के बाद रखे गए प्रशिक्षु परिचालकों ने निगम को डेढ़ वर्ष में लाखों रुपये की चपत लगा दी है। एचआरटीसी के नाहन डिपो में अब तक टाका मारने वाले 27 प्रशिक्षु परिचालकों को संस्पेड किया जा चुका है। इन्हें बस चेकिंग के दौरान क्षेत्रीय प्रबंधक व स्पेशल टीम ने पकड़ा।

ग्रामीण क्षेत्रों में निगम के रूटों पर चलने वाली बसों में ये प्रशिक्षु परिचालक सवारियों से पैसे तो ले लेते थे, मगर टिकट नहीं देते हैं। हिमाचल पथ परिवहन निगम नाहन डिपो में कौशल विकास भत्ते के तहत अक्टूबर, 2015 में 468 प्रशिक्षु परिचालकों ने आवेदन किया था। इसमें से अब तक सभी कंडक्टर 75 दिन का प्रशिक्षण पूरा कर चुके हैं। बेहतर काम करने वाले प्रशिक्षु परिचालकों को निगम ने एक और मौका दिया है। निगम एक बैच में 50 प्रशिक्षु परिचालकों को ट्रेनिंग दे रहा है। क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय में इन प्रशिक्षु परिचालकों के खिलाफ लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि ये प्रशिक्षु परिचालक सवारियों को टिकट नहीं देते है, जबकि सवारियों से पूरे पैसे ले लेते है।

जिला सिरमौर में प्रशिक्षु परिचालकों के टाका मारने के वैसे तो कई मामले सामने आए हैं। मगर दो सप्ताह पहले पावटा साहिब से यमुनानगर जा रही बस को जब टीम ने पकडा, तो वह भी चकित रह गए, पूरी बस में प्रशिक्षु परिचालक ने किसी भी सवारी को टिकट ही नहीं दी थी, बस में 30 सवारिया बैठी थीं। एचआरटीसी नाहन डिपो के आरएम संजीव बिष्ट ने इसकी पुष्टि की है।

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