हिमाचल में बने अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति आयोग

अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के कल्याण से संबंधित संसदीय समिति ने हिमाचल में मुख्य सचिव व अधिकारियों से बैठक की। इस दौरान समिति के अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन किया जाए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Jun 2018 07:24 PM (IST) Updated:Wed, 13 Jun 2018 07:24 PM (IST)
हिमाचल में बने अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति आयोग
हिमाचल में बने अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति आयोग

राज्य ब्यूरो, शिमला : अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के कल्याण से संबंधित संसदीय समिति ने हिमाचल दौरे के दौरान बुधवार को मुख्य सचिव विनीत चौधरी व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इसकी अध्यक्षता संसदीय समिति के अध्यक्ष डॉ. किरिट पी सोलंकी ने की।

उन्होंने कहा कि हिमाचल में भी अन्य राज्यों की तर्ज पर अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन किया जाए। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोगों के साथ अत्याचार के मामलों में कड़ी कार्रवाई हो। देशभर में अत्याचार होते हैं लेकिन इनकी सही रिपोर्टिग नहीं की जाती है। ऐसे मामले रफा दफा नहीं किए जाने चाहिए और न ही किसी प्रकार के दबाव के कारण इनमें समझौता करवाना चाहिए। इन मामलों में शीघ्र न्याय के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्गो के लिए धन का उपयुक्त आवंटन किया जाना चाहिए। पूरी राशि इनके कल्याण के लिए खर्च की जानी चाहिए। उन्होंने प्रदेश में इन वर्गो के कल्याण के लिए किए जा रहे कायरें पर संतोष जताया।

वहीं, मुख्य सचिव विनीत चौधरी ने कहा कि राज्य में अनुसूचित जाति की आबादी 25.19 फीसद जबकि अनुसूचित जनजाति की आबादी 8.88 फीसद है। अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत राज्य बजट का 25.19 प्रतिशत हिस्सा खर्च किया जा रहा है। बैठक में समिति के सदस्य डॉ. रामचरितर निशाद, डॉ. पीके बीजू, अंजु बाला, रामकुमार वर्मा, डीआर शेखर, शमशेर सिंह ढुलो, प्रो. सीताराम अजमीरा नायक, प्रतिमा मंडल, मुकेश कुमार व एल सिंगसन उपस्थित थे।

chat bot
आपका साथी