शिमला ही नहीं यहां पहुंचने का सफर भी है रोमांचक

दिक्कतें तो बड़ों शहरों में भी होती हैं, जन्नत से कम नहीं है राजधानी : कपूर सप्ताह का साक्षात्कार विकास कपूर, वाइस प्रेजिडेंट, रेडिसन होटल

By Edited By: Publish:Sun, 09 Dec 2018 04:54 PM (IST) Updated:Mon, 10 Dec 2018 02:59 AM (IST)
शिमला ही नहीं यहां पहुंचने का सफर भी है रोमांचक
शिमला ही नहीं यहां पहुंचने का सफर भी है रोमांचक

शिमला, राज्य ब्यूरो। प्रदेश की राजधानी शिमला को बाहर से देखने पर दिक्कतें नजर आती हैं, लेकिन अंदर से यह किसी जन्नत से कम नहीं है। जितना खूबसूरत शिमला है उतना ही रोमांचक यहां पहुंचने का सफर है। अगर सच में शिमला में बहुत दिक्कतें होती तो शायद यहां दुनियाभर से पर्यटक हर साल घूमने न आते। यह कहना है रेडिसन होटल शिमला के वाइस प्रेजिडेंट विकास कपूर का। पेश है उनसे की बातचीत के कुछ अंश।

-शिमला में सुविधाओं को लेकर लोग अकसर शिकायतें करते हैं, आप क्या मानते हैं, क्या सच में यहा पर्यटक परेशान होते हैं?

देखिए, ऐसा कुछ नहीं है थोड़ी बहुत दिक्कतें तो बड़े से बड़े शहर में भी होती है। शिमला को बाहर से देखने पर दिक्कतें नजर आती हैं, लेकिन जब इसे अंदर से देखो तो यह किसी जन्नत से कम दिखाई नहीं देता। साफ आबोहवा, मौज मस्ती का पूरा पिटारा है शिमला के पास। जो एक बार शिमला की खूबसूरत वादियों से रूबरू हो गया वह बार-बार यहां वक्त गुजारने जरूर आता है।

-क्या फोरलेन के निर्माण कार्य से होटल इंडस्ट्री को कोई फर्क पड़ रहा है?

ऐसा कहना गलत है कि फोरलेन से पर्यटकों को दिक्कत हो रही है या होटल कारोबार पर इसका असर पड़ रहा है। पर्यटक तो शिमला आ ही एडवेंचर के लिए हैं और परवाणू से शिमला तक का पूरा सफर रोमांच से भरा है। फोरलेन के कार्य के बावजूद पर्यटक कालका से साढ़े तीन घंटे में शिमला पहुंच ही जाता है। बीच बीच में थोड़ी बहुत दिक्कत हो रही है, लेकिन यह सब भविष्य में सुविधा मुहैया करवाने के लिए हो रहा है। बड़े बडे शहरों में तीन-तीन घंटे जाम में फंसने वाले लोग इससे शायद कम ही परेशान हों।

-टूरिज्म के होटलों में तो हिमाचली व्यंजनों को प्रमोट किया जाता है, क्या आपके होटल में हिमाचली व्यंजन परोसे जाते हैं?

ऐसा कैसे हो सकता है कि जो हिमाचल आए और यहां के व्यंजनों को न चखे। हमारे होटल में भी हिमाचली व्यंजनों को भोजन की सूची में शामिल किया गया है। नॉन वेज सहित 10 व्यंजनों को परोसा जाता है। इसके अलावा हिमाचल की संस्कृति से रूबरू करवाने के लिए लोक गीत, नाटी का आयोजन किया जाता है।

-शिमला में पर्यटकों के मनोरंजन के लिए और क्या होना चाहिए?

शाम के समय रिज मैदान का दृश्य मनमोहक होता है, लेकिन तब तक पर्यटक होटलों में वापस लौट चुके होते हैं, क्योंकि उनके मनोरंजन के लिए कुछ खास नहीं है। प्रदेश सरकार चाहे तो रिज मैदान पर हिमाचली व्यंजनों के स्टॉल लगवाए, जहां पर शाम को हिमाचली व्यंजन परोसे जाएं, इसके अलावा दो तीन जगहों पर नाटी हो और सप्ताह के अंतिम दो दिन जरूर माल रोड से रिज मैदान तक पुलिस का बैंड बजे।

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