मुधमेह से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी

औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान मंडी में आयोजित विश्व मधुमेह दिवस के मौके पर प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जीवानंद चौहान ने कहा कि आज मधुमेह जैसी बीमारी के बारे में आम जनमानस को जागरुक होने की जरुरत है ताकि वह स्वयं को इस रोग से बचा सकें। देश में दुनिया की मधुमेह से पीडित जनसंख्या का 19 प्रतिशत हिस्सा है तथा 15 वर्ष से अधिक उम्र के शहरी लोगों में मधुमेह 10 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में 2 प्रतिशत है। देश में मधुमेह के रोगियों की संख्या करीब 7 करोड़ है और यदि लोगों को जागरुक नहीं किया गया तो यह स्थिति भयावह हो सकती है। मधुमेह आहार संबंधी रोग है जिसमें रक्त में इनुसलिन की कमी हो जाती है। इसके परिणाम स्वरुप शरीर कार्बोहाईड्रेट का सामान्य रुप से उपयोग नहीं कर पाता। इस

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 03:01 PM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 03:01 PM (IST)
मुधमेह से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी
मुधमेह से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी

जागरण संवाददाता, मंडी : औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) मंडी में विश्व मधुमेह दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जीवानंद चौहान ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने कहा कि मधुमेह बीमारी के बारे में लोगों का जागरूक होना जरूरी है। ताकि ताकि इस रोग से बचा जा सके। मधुमेह आहार संबंधी रोग है। इसमें रक्त में इनुसलिन की कमी हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप शरीर कार्बोहाईड्रेट का सामान्य रूप से उपयोग नहीं कर पाता है। इससे खून में शूगर की मात्रा बढ़ जाती है। मोटापा, आरामदायक जीवन शैली, कुपोषण, शराब की अधिकता, धूमपान, तनावपूर्ण जीवनशैली, शारीरिक व्यायाम की कमी, आनुवांशिकता, अनियंत्रित आहार, तले पदार्थो की अधिकता, रेशेदार खाद्य पदार्थो का अभाव, प्रथम गर्भावस्था में मधुमेह होने का डर बना रहता है। इस मौके पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश ठाकुर, कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अनुराधा शर्मा, डॉ. विशाल, स्वास्थ्य शिक्षक एनआर ठाकुर ने प्रशिक्षुओं व अध्यापकों को मधुमेह के लक्षण, दुष्परिणाम, उपचार व बचाव की जानकारी दी।

chat bot
आपका साथी