नगर नियोजन नियमों को सरल बनाए सरकार
मंडी की समस्याओं को लेकर विभिन्न संस्थाओं ने प्रदेश सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया है। संस्थाओं ने बैठक कर प्रदेश सरकार की ओर से प्रस्तावित टाउन एंड कंट्री प्लानिग नियम 2019 के संशोधन बेहद कठोर और जनविरोधी बताया। भवन नियमितीकरण संघर्ष समिति और प
जागरण संवाददाता, मंडी : मंडी की समस्याओं को लेकर विभिन्न संस्थाओं ने प्रदेश सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया है। संस्थाओं ने बैठक कर प्रदेश सरकार की ओर से प्रस्तावित टाउन एंड कंट्री प्लानिग नियम 2019 के संशोधन बेहद कठोर और जनविरोधी बताया। भवन नियमितीकरण संघर्ष समिति और पब्लिक वेलफेयर फाउंडेशन ने अन्य स्थानीय संस्थाओं के साथ बैठक करके प्रदेश सरकार की ओर से मांगे गए सुझावों और आपत्तियों पर जनता से फीड बैक लेकर अपने सुझाव और आपत्तियां प्रदेश सरकार को प्रेषित की है।
संस्थाओं का कहना है प्रस्तावित संशोधन बेहद कठोर बनाए गए हैं। इनकी अवहेलना पर भारी जुर्माने का प्रावधान रखा गया है जो जनता की जरूरतों के विपरीत है और जनविरोधी है। इन संस्थाओं का कहना है कि टीसीपी एक्ट 1977 करीब 40 साल पुराना है और इसके प्रावधान धऱातल की सच्चाई पर आधारित न होने के कारण विरोधाभासी है। यही कारण है कि इस कानून की अक्सर अवहेलना होती रही है और इन नियमों की अवहेलना करके भारी संख्या में भवनों का निर्माण किया गया है जिन्हें अनाधिकृत माना जाता है। इन अनाधिकृत भवनों की भारी संख्या होने के कारण इनके खिलाफ कार्रवाई करना मुश्किल है। इसके चलते राज्य सरकार समय पर एकमुश्त नियमितीकरण की योजनाएं लाती है पर उच्च न्यायालय इन्हें निरस्त कर देता है। उच्च न्यायालय इन्हें इसलिए निरस्त करता है क्योंकि टीसीपी नियमों के बेहद कठोर और अव्यवहारिक होने के कारण राज्य सरकार जो एकमुश्त नियमितीकरण की पॉलिसी लाती है। उसके तहत टीसीपी नियमों में 100 प्रतिशत डेविएशन तक की अनुमति होती है।
न संस्थाओं का कहना है पहले प्रदेश सरकार को किसी भी क्षेत्र या शहर विशेष की धरातल की परिस्थितियों को देखते हुए विरोधाभासी प्रावधानों को हटाकर टीसीपी नियमों को कठोर की बजाय साधारण बनाना चाहिए।
बैठक में अमर चंद वर्मा, उत्तम चंद सैनी, हितेन्द्र शर्मा, समीर कश्यप, प्रदीप परमार, एमएल शर्मा तथा राजपूत सभा, ब्राह्मण सभा, आहलूवालिया सभा, राधा स्वामी सत्संग सहित अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।