..ताकि फिर बढ़े पक्षियों की चहचहाहट

शहर की भीड़ में गुम हुई पक्षियों की चहचहाहट को फिर से बढ़ाने के लिए अकेला एक शख्स नरेंद्र सैनी 256.17 हेक्टेयर के गंदर्भ वन को संवारने में जुट गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 11:07 PM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 06:24 AM (IST)
..ताकि फिर बढ़े पक्षियों की चहचहाहट
..ताकि फिर बढ़े पक्षियों की चहचहाहट

मुकेश मेहरा, मंडी

शहर की भीड़ में गुम हुई पक्षियों की चहचहाहट को फिर से बढ़ाने के लिए नरेंद्र सैनी 256.17 हेक्टेयर के गंदर्भ वन को संवारने में जुटे हैं। सेवानिवृत्त शिक्षक और फुटबॉल कोच रहे सैनी मंडी के सैण मोहल्ला में रहते हैं। अपने दम पर इन्होंने गंदर्भ वन को संवारने के लिए प्रोजेक्ट बनाया और उसके बाद सरकार के माध्यम से 50 लाख रुपये स्वीकृत करवाए। इसमें 20 लाख रुपये का काम हुआ है। इनका लक्ष्य एक साल में यहां पौधरोपण सहित पक्षियों के बसेरे और चेकडेम व पानी के टैंक बनवाना है। जिला मुख्यालय के साथ गंदर्भ वन के आसपास बन रहे भवनों के कारण यहां पेड़-पौधे व पक्षी कम हो रहे हैं। सैनी बताते हैं कि वन और पशु-पक्षियों को बचाने के लिए एक योजना बनाकर वन विभाग व सरकार को भेजी। कुछ समय बाद इसी योजना पर 50 लाख रुपये सरकार ने मंजूर किए।

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प्रोजेक्टों से पानी छोड़ने के लिए भी संघर्ष

नरेंद्र सैनी ने बताया कि कई बार प्रोजेक्ट एनजीटी के निर्देशानुसार 15 से 20 फीसद पानी नहीं छोड़ते हैं, तो उसको लेकर भी आवाज उठाई जाती है, क्योंकि अगर पानी नहीं छोड़ा जाएगा तो जल में रहने वाले जीव मर जाएंगे।

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नरेंद्र सैनी बहुत अच्छा प्रयास कर रहे हैं। इनके प्रयास से गंदर्भ वन के लिए बजट आया है। इस पर काम उन्हीं के सहयोग से ही किया जा रहा है।

-उपासना पटियाल, वन अरण्यपाल मंडी।

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इस साल की योजना

इस माह वन से झाड़ियों व जंगली घास को काटा जाएगा। इससे आग भी नहीं लगेगी। जुलाई व अगस्त में पौधरोपण अभियान चलाएंगे। इसके लिए पौधे वन विभाग देगा। सितंबर व अक्टूबर में वन में चेकडेम का निर्माण करवाएंगे। नवंबर में तारबंदी की जाएगी। जनवरी-फरवरी 2021 में पक्षियों के लिए घोंसले बनाएंगे। लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यक्रम होंगे। मई व जून 2021 में कार्यो की रिपोर्ट विभाग सहित सरकार को भेजी जाएगी।

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