गर्मी से कांपती हैं पेयजल योजनाएं

संवाद सहयोगी, मंडी : जिला में गर्मी में करीब 25 फीसद पेयजल योजनाएं सूख जाती हैं। इससे कई क्षेत्रों म

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Mar 2017 01:00 AM (IST) Updated:Tue, 28 Mar 2017 01:00 AM (IST)
गर्मी से कांपती हैं पेयजल योजनाएं
गर्मी से कांपती हैं पेयजल योजनाएं

संवाद सहयोगी, मंडी : जिला में गर्मी में करीब 25 फीसद पेयजल योजनाएं सूख जाती हैं। इससे कई क्षेत्रों में पानी की किल्लत पैदा हो जाती है। इस स्थिति में आइपीएच विभाग के लिए भी पानी की नियमित आपूíत करना चुनौती बन जाता है।

जिला में करीब 1462 पेयजल योजनाओं लाखों की आबादी को पानी की आपूíत की जाती है। इनमें से 25 फीसद योजनाएं ऐसी हैं, जो गर्मी में हांफ जाती है। विशेषकर छोटी-छोटी पेयजल योजनाओं का दम फूल जाता है। कई योजनाएं तो पूरी तरह से सूख जाती हैं। इससे लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पाता है। हालांकि पिछले करीब दो साल से कुछ एक क्षेत्र को छोड़कर पूरे जिला में गर्मी में भी लोगों को सुचारू रूप से पानी मिलता रहा। आइपीएच विभाग के लिए लोगों को पानी की आपूíत के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करनी पड़ी। किसी क्षेत्र में टैंकर भेजने की आवश्यकता नहीं पड़ी थी। इस बार भी विभाग ने गर्मी में लोगों को नियमित रूप से पेयजल आपूíत करने के उचित प्रबंध कर लिए हैं। पुरानी पाइपों को बदलकर कुछ नई पाइपलाइन बिछाई गई है। सभी पेयजल योजनाओं के भंडारण टैंकों व स्रोतों की उचित सफाई की गई है। विभाग के कर्मचारियों को गर्मी में लोगों को नियमित रूप से पानी की आपूíत करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं, ताकि लोगों को पानी की समस्या ने न जूझना पड़े। इससे लोगों को राहत मिल सकती है।

¨सचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के मुख्य अभियंता राजेश बख्शी ने बताया कि विभाग द्वारा गर्मी में भी लोगों को नियमित रूप से पानी की आपूíत करने की पूरी कोशिश की जाती है। कुछेक योजनाएं सूख जाने से थोड़ी परेशानी जरूर होती है। करीब 25 प्रतिशत पेयजल योजनाएं इस दौरान हांफ जाती हैं। गत दो साल में जिला में पानी की वैकल्पिक व्यवस्था करने की आवश्यकता नहीं पड़ी। इस बार भी लोगों को र्गिमयों में सुचारू रूप से पानी उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जाएगा।

chat bot
आपका साथी