भक्तिमय हुई मंडी, देवताओं के साथ देवधुन पर खूब नाचे देवलु

International Shivaratri Festival मंडी में महाशिवरात्रि के दूसरे दिन देवी-देवताओं के नृत्य को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ आयी इन दिनों छोटी काशी आस्‍था के सैलाब में डूबी हुई है।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Mon, 24 Feb 2020 08:16 AM (IST) Updated:Mon, 24 Feb 2020 08:16 AM (IST)
भक्तिमय हुई मंडी, देवताओं के साथ देवधुन पर खूब नाचे देवलु
भक्तिमय हुई मंडी, देवताओं के साथ देवधुन पर खूब नाचे देवलु

मंडी, जेएनएन। छोटी काशी मंडी में महाशिवरात्रि के दूसरे दिन सैकड़ों देवी-देवताओं के देवलु देवधुनों पर मंत्रमुग्ध होकर नाचे है। इस दौरान देवलुओं के साथ देवताओं ने भी खूब नृत्य किया है। देवी-देवताओं के नृत्य को देखने के लिए हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी रही है। रविवार को भी छोटी काशी आस्था के सैलाब में डूबी रही है। महोत्सव में देवी-देवताओं का आना अब भी जारी है। रविवार को हजारों श्रद्धालुओं ने देवी-देवताओं के चरणों में शीश नवाया है। देवताआें को पुष्प व अर्पित कर सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद लिया है। 

शिवरात्रि महोत्सव की शोभा बढ़ाने के लिए आए कुल्लू के बड़ा देव छमांहू ने भी वल्लभ कॉलेज परिसर में देवी-देवताओं के साथ भव्य मिलन किया है। बड़ा देव छमांहू ने 15 वर्षो के बाद महोत्सव में शिकरत की है और छोटी काशी के लोगों को आशीर्वाद दिया है। 

राजा के सम्मान में हाजिरी भरते है देवता

छोटी काशी मंडी में सैकड़ों साल पुरानी परंपरा का आज भी निर्वहन किया जा रहा है। यहां शिवरात्रि में आने वाला हर छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा देवता सबसे पहले राजा के दरबार में हाजिरी भरते हैं और राज देवता माधोराय के आगे शीश नवाते है। राज पुरोहित देवता की पूजा-अर्चना करता है। इसके बाद ही देवता देव समागम में हिस्सा बनते हैं। 

सरस मेले में लगे सभी राज्यों के स्टाल

अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले में लगे सरस मेले में अलग-अलग राज्यों से आए व्यापारियों के स्टाल पर लोगों की भीड़ उमड़ रही है। यहां पर मध्यप्रदेश, हैदराबाद, पंजाब, हरियाणा सहित अन्य राज्यों के कारोबारियों ने खान पान सहित, कपड़ों, सजावटी सामान के स्टाल लगाए हैं। मेला शुरू होते ही इन पर लोगों की भीड़ उमड़ रही है। सरस मेला इस बार पड्डल मैदान में ही लगाया है। इसके साथ ही सरकार की 50 साल की उपलब्धि बताने के लिए भी स्टाल लगाया गया है। यहां पर हर विभाग के स्टाल हैं।

बजंतरियों की ध्वनियों से मंडी मंत्रमुग्ध

बजंतरी देव ध्वनियों का संचार कर रहे हैं। देवलु और देवताओं के रथ उन ध्वनियों पर मोहित होकर झूम रहे हैं। देवमयी नजारे के बीच महर्षि मार्कंडेय और देव विभूषण अपने स्थान की तरफ नृत्य करते-करते अपने देवलुओं के साथ बढ़ रहे थे। स्थान ग्रहण करने के बाद दूसरी तरफ बिट्ठू नारायण और चुंजवाला, तुंगासी, महामाया व पुंडरिक ऋषि अपने देवलुओं के साथ वल्लभ कॉलेज परिसर में पहुंचे।  

 देवताओं के शिवरात्रि प्रवास से देवालय सुनसान, दर्शन के लिए उमड़ रहा सैलाब

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