छात्रवृत्ति घोटाला: जांच की आड़ में नहीं मिल रहे मूल प्रमाणपत्र, कोर्ट ने सीबीआइ और संस्थान को भेजा नोटिस

Scholarship Scam कोर्स पूरा होने के बावजूद हम दूसरी जगह रोजगार के लिए आवेदन नहीं कर पा रही हैं। हमारे दसवीं जमा दो व जाति के प्रमाणपत्र संस्थान के पास हैं।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 10:56 AM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 10:56 AM (IST)
छात्रवृत्ति घोटाला: जांच की आड़ में नहीं मिल रहे मूल प्रमाणपत्र, कोर्ट ने सीबीआइ और संस्थान को भेजा नोटिस
छात्रवृत्ति घोटाला: जांच की आड़ में नहीं मिल रहे मूल प्रमाणपत्र, कोर्ट ने सीबीआइ और संस्थान को भेजा नोटिस

शिमला, जेएनएन। साहब, हमें हमारे मूल प्रमाणपत्र दिलवा दो। निजी शिक्षण संस्थान ने नर्सिंग कोर्स में दाखिले के दौरान इन्हें था, लेकिन एक साल बाद न संस्थान सुनवाई कर रहा है और न जांच एजेंसी। कोर्स पूरा होने के बावजूद हम दूसरी जगह रोजगार के लिए आवेदन नहीं कर पा रही हैं। हमारे दसवीं, जमा दो व जाति के प्रमाणपत्र संस्थान के पास हैं। सिरमौर के हिमालय ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट से पासआउट पांच छात्राओं ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई है कि उन्हें उनके सर्टिफिकेट दिलवाएं। वकील के माध्यम से इन छात्राओं ने कोर्ट ने पक्ष रखा है। अब कोर्ट ने सीबीआइ को नोटिस जारी किया है।

छात्राओं ने इस संबंध में पहले संस्थान को पत्र लिखा। इसके बाद सीबीआइ को पत्र लिखा, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। आखिरकार हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा, वहां सुनवाई हो गई। संबंधित संस्थान को भी नोटिस भेजा गया। संस्थान के अध्यक्ष ने शपथपत्र दाखिल कर कहा है कि प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थानों को आवंटित छात्रवृत्ति में कथित घोटाला के कारण दस्तावेजों की वेरीफिकेशन की गई। ये दस्तावेज सीबीआइ के कब्जे में हैं।

दो बार हुई थी दबिश

कालांअंब में पिछले साल सीबीआइ ने 13 मई और 15 मई को संस्थान में दबिश दी थी। इस संस्थान पर भी छात्रवृत्ति घोटाले में संलिप्त होने का आरोप है। यह कानूनी कार्रवाई डीएसपी की अगुवाई में हुई थी। तब दोनों बार रिकॉर्ड कब्जे में लिया गया था। उस रिकॉर्ड के आधार पर सीबीआइ जांच आगे बढ़ा रही है।

पांच छात्राएं पहुंची कोर्ट

15 में से पांच छात्राएं कोर्ट पहुंची हैं। ये अनुसूचित जाति से संबंध रखती हैं, जबकि अन्य अनुसूचित जनजाति से हैं। इनके कोर्स पूरे हो गए हैं। स्नातक भी पूरी हो चुकी है, पर संस्थान इनके मूल प्रमाणपत्र नहीं दे रहा है। अब इस मामले में सीबीआइ की शिमला ब्रांच को नोटिस जारी किए हैं। -कुसुम चौधरी, हाईकोर्ट में प्रभावित छात्राओं की वकील।

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