पौंग विस्थापितों को मंजूर नहीं फैसला, मुआवजे की मांग
जेएनएन जवाली हिमाचल पौंग बांध विस्थापित समिति ने फैसला का विरोध किया है।
जेएनएन, जवाली : हिमाचल पौंग बांध विस्थापित समिति के अध्यक्ष हंसराज ने हिमाचल व राजस्थान सरकार के सचिवों में हुए फैसले पर असंतोष प्रकट किया है। वीरवार को जवाली में बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा पौंग विस्थापितों को दो चरणों में पट्टे अलॉट करने के फैसले से हाईकोर्ट के फैसले का उल्लंघन हुआ है। हाईकोर्ट के आदेश थे कि हिमाचल सरकार राजस्थान सरकार के खर्च पर हिमाचल में जमीन क्रय करे और विस्थापितों को हिमाचल में ही बसाए। उन्होंने कहा समझौते के अनुसार श्रीगंगानगर में जमीन आरक्षित की थी लेकिन अब वहां पर अवैध कब्जाधारियों ने कब्जे कर रखे हैं। पौंग विस्थापितों को अगर राजस्थान सरकार जमीन नहीं दे सकती तो राजस्थान में भूमि के दाम के हिसाब से मुआवजा दे। हंसराज ने कहा कि विस्थापित 46 साल से विस्थापन का दंश झेल रहे हैं जबकि सरकारें सत्तासुख भोग रही हैं। 330 गांवों के करीब 30 हजार परिवार विस्थापित हुए थे जिनकी आज आबादी करीब पांच लाख पहुंच गई है। विस्थापितों को सरकारों का फैसला कतई मंजूर नहीं है। विस्थापित अब चुप नहीं बैठेंगे। अगर हाईकोर्ट के आदेशानुसार फैसला न लिया गया तो पौंग डैम का जलस्तर 1200 फीट की बजाय 700 फीट ही चढ़ने दिया जाएगा और बाकी जमीन पर खेतीबाड़ी की जाएगी।