इन्वेस्टर्स मीट विकास का आधार, विपक्ष बढ़ाएगा महंगाई व कर्ज पर सरकार का दर्द; ये मुद्दे उठेंगे सदन में

Himachal Assembly Winter Session विपक्ष विकास के मामले पर सरकार को घेरने से पीछे नहीं हटेगा जबकि सरकार उपलब्धियों का सहारा लेगी।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Mon, 09 Dec 2019 08:40 AM (IST) Updated:Mon, 09 Dec 2019 08:40 AM (IST)
इन्वेस्टर्स मीट विकास का आधार, विपक्ष बढ़ाएगा महंगाई व कर्ज पर सरकार का दर्द; ये मुद्दे उठेंगे सदन में
इन्वेस्टर्स मीट विकास का आधार, विपक्ष बढ़ाएगा महंगाई व कर्ज पर सरकार का दर्द; ये मुद्दे उठेंगे सदन में

धर्मशाला, दिनेश कटोच। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र कई मायनों में महत्वपूर्ण रहेगा। इस बार सदन में सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल को कसौटी पर परखा जाएगा। विपक्ष विकास के मामले पर सरकार को घेरने से पीछे नहीं हटेगा, जबकि सरकार उपलब्धियों का सहारा लेगी। विपक्ष के तरकश में विकास के मुद्दों पर कई तीर होंगे। हालांकि सरकार प्रदेश के दो विस क्षेत्रों में हुए उपचुनाव में मिली जीत के साथ इन्वेस्टर मीट की सफलता लेकर फ्रंट फुट पर होगी, लेकिन बढ़ रही महंगाई, बेरोजगारी व कर्ज के मामले पर विपक्ष के निशाने पर भी सरकार भी होगी।

महंगाई के खिलाफ कांग्रेस प्रदेश में सड़क पर उतर चुकी है। प्रदेश के खजाने पर बढ़ते कर्ज का बोझ व फिजूलखर्ची के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा जाएगा। सरकार के दूसरे वर्ष के कार्यकाल के दौरान इन्वेस्टर मीट भी विपक्ष की आंख की किरकिरी बना हुआ है। सदन में यह मुद्दा विपक्ष के पास अहम होगा। जनमंच कार्यक्रम पर कांग्रेस पहले ही आपत्ति जता चुकी है। पार्टी का मानना है कि यह प्रपंच से ज्यादा कुछ नहीं है। शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार दो साल में चलाई योजनाओं को ढाल बनाएगी। इनमें लोगों से सीधे जुड़े जनमंच कार्यक्रम, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हेली टैक्सी सेवा और गृहिणी सुविधा योजना प्रमुख हैं।

भाजपा सरकार के कार्यकाल में दूसरी दफा शीतकालीन सत्र का आयोजन तपोवन में हो रहा है। इस बार शीत सत्र छह दिन का है और विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए तैयारी कर ली है। लोकसभा चुनाव में चारों सीटें व उपचुनाव में भी दोनों विस क्षेत्रों में जीत के बाद शीतकालीन सत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि भाजपा के विजन डॉक्यूमेंट पर सरकार कितनी खरी उतरी, यह बताने के लिए भी सरकार के मुखिया के पास बहुत कुछ होगा।

ये भी हैं अन्य मुद्दे

प्रदेश के हित से जुड़े दो बड़े मुद्दों केंद्रीय विश्वविद्यालय व पठानकोट-मंडी व मटौर-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग के शिलान्यास को लेकर अब तक की गई कार्यवाही भी सरकार के समक्ष बड़ा प्रश्न होगा। इसके अलावा स्कूली बच्चों के लिए स्मार्ट वर्दी, पौंग बांध विस्थापितों की समस्याओं का निदान, रेललाइन का ब्रॉडगेज कार्य, सरकारी धन का दुरुपयोग, नशे के बढ़ता व्यापार, कर्मचारियों की पेंशन, शिक्षण व स्वास्थ्य संस्थानों की दशा, पुलिस व पटवारी भर्ती पर सवाल सहित बिगड़ रही कानून व्यवस्था सहित अन्य मुद्दे विपक्ष की ताकत साबित हो सकते हैं। फिलहाल तपोवन में सोमवार से शुरू हो रहे छह दिवसीय विधानसभा सत्र के दौरान जो सदन में मंथन होगा, अपेक्षा यह ही होगी कि इससे अमृत निकलेगा।

वीरभद्र व सुजान सिंह नहीं होंगे मौजूद

शीतकालीन सत्र में इस बार पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व विधायक सुजान सिंह पठानिया गैर मौजूद रहेंगे। कांग्रेस के ये दोनों नेता तबीयत खराब होने के कारण स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।

गूंजेगा प्रशासनिक ट्रिब्यूनल व सेब उत्पादकों का मुद्दा

शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन मुख्य रूप से प्रशासनिक ट्रिब्यूनल, सेब उत्पादकों, उद्योगों की स्थिति व रोजगार से जुड़े मुद्दों पर सदन गूंजेगा। प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर व वन मंत्री गोविंद ठाकुर से प्रश्नों के जवाब मांगेगा। प्रश्नकाल के दौरान ही मुख्यमंत्री से  सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा प्रशासनिक ट्रिब्यूनल बंद करने की स्थिति स्पष्ट करने के लिए प्रश्न करेंगे। राजेंद्र राणा पूछेंगे कि सरकार ने जब प्रशासनिक ट्रिब्यूनल बंद किया था तब तक कितने मामले लंबित थे। लंबित मामले उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किए हैं या नहीं। ट्रिब्यूनल में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को कहां-कहां और कब समायोजित किया जा रहा है।

सिंगल विंडो क्‍लीयरेंस का मुद्दा

इसके बाद ठियोग के विधायक राकेश सिंघा भी मुख्यमंत्री से जवाब मांगेंगे कि 15 नवंबर, 2019 तक एसआइटी के माध्यम से कितने सेब उत्पादकों की कमीशन एजेंटों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाई है। अब तक कुल कितने एफआइआर दर्ज हुई हैं और उनका क्या स्टेटस है। नादौन के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू सदन में प्रदेश के उद्योगों की स्थिति और रोजगार की बात करेंगे। प्रश्न में उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर से पूछेंगे कि 15 नवंबर, 2019 तक कितने उद्योगों को सिंगल विंडो सिस्टम के तहत क्लीयरेंस मिली है। जिन उद्योगों को सरकार की ओर से क्लीयरेंस दी गई है, उनमें से कितने में उत्पादन शुरू हो गया है और इनसे प्रदेश के कितने लोगों को रोजगार मिला है।

कृषि इंटीग्रेटेड डेवल्‍पमेंट प्रोजेक्‍ट

कांगड़ा के विधायक पवन काजल कृषि इंटीग्रेटेड डेवल्पमेंट प्रोजेक्ट की स्थिति पर सदन में प्रश्न रखेंगे। पूछा जाएगा कि यह प्रोजेक्ट वन विभाग के तहत चलाया जा रहा है या नहीं। अगर चल रहा है तो अब तक प्रोजेक्ट के तहत कितना पैसा खर्च हुआ है। मिड हिमालयन प्रोजेक्ट में कांगड़ा की कौन-कौन से पंचायतें शामिल की गई थीं, जिन्हें अब इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। प्रोजेक्ट का मुख्यालय कहां है। प्रोजेक्ट के तहत कितने अधिकारी तैनात किए गए हैं और कितने प्रोजेक्ट अधिकारियों के पास एग्रीकल्चर साइंस की डिग्री है। 

तपोवन में आज होगी सर्वदलीय बैठक

विधानसभा के शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पहले सर्वदलीय बैठक 11 बजे विस परिसर के रूलिंग लॉज में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल की अध्यक्षता में होगी।

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