हेलीपेड बने पशुओं की शरणस्थली

पिछले तीन वर्षों से आदि हिमानी चामुंडा के लिए हेली टैक्सी सेवा के लिए बनाए गए दो हेली पैड धूल फांक रहे हैं। डाढ मेला मैदान में स्थित हेली पैड लावारिस पशुओं की शरण स्थली बन कर रह गई है जबकि हिमानी चामुंडा के

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Feb 2019 09:55 PM (IST) Updated:Sun, 10 Feb 2019 09:55 PM (IST)
हेलीपेड बने पशुओं की शरणस्थली
हेलीपेड बने पशुओं की शरणस्थली

संवाद सहयोगी, योल : तीन साल से आदि हिमानी चामुंडा के लिए हेली टैक्सी सेवा के लिए बनाए गए दो हेलीपैड धूल फांक रहे हैं।

डाढ मेला मैदान में स्थित हेलीपैड बेसहारा पशुओं की शरण स्थली बन कर रह गया है जबकि हिमानी चामुंडा के समीप बने हेलीपैड झाड़ियों व घास ने घेर रखा है। डाढ में तो एविऐशन कंपनी ने हेलीपैड को बनाया तो मंदिर के समीप मंदिर प्रशासन ने अनुमानित डेढ़ लाख व्यय कर हेलीपैड का निर्माण किया था। आलम यह है कि हेली टैक्सी सेवा निरंतर न रहने से आज प्रस्तावित योजनाएं परवान न चढ़ पाई और हेलीपैड फिर सूने रह गए।

2007-08 के दौरान धूमल सरकार ने विधिवत हिमानी चामुंडा को बकायदा हेली टैक्सी सेवा मुहैया कराने का बीड़ा उठाया था। उस समय आर्यन एविऐशन कंपनी ने शुरुआत की और तीन उड़ानें भरने का प्रयास किया, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से सफल नहीं हो पाए। 2012-13 के दौरान इसी कंपनी ने दोबारा प्रयास किए लेकिन डाढ पंचायत के साथ तालमेल न होने की वजह से प्रयास अधूरे रह गए। दूसरी वजह यह भी रही कि 6500 किराया होने के कारण लोग जाने से कतराने लगे। इसके बाद लोगों की मांग देखते हुए 2015-16 के दौरान सुमित एविऐशन कंपनी ने शुरुआत की और दो माह तक सफल उड़ानें भी भरी। जिसमें सांसद शांता कुमार व पूर्व विधायक प्रवीण शर्मा ने भी उड़ान भरी। लेकिन डाढ पंचायत ने मेला मैदान को न देने का ऐलान कर दिया। इससे हिमानी चामुंडा की प्रस्तावित हेली टैक्सी सेवा फ्लॉप होकर रह गई। यही नहीं बल्कि अभी भी तीन साल से हिमानी चामुंडा रोप-वे योजना फाइलों में ही लटकी है। वहीं कंड करिडयाड़ा मार्ग की मरम्मत का कार्य भी सिरे नहीं चढ़ पाया। इससे तो यही लगता है कि मां हिमानी को यह सब मंजूर नहीं केवल पैदल यात्रा ही मंजूर है। अब जयराम सरकार की धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की घोषणा से शायद ये प्रस्तावित योजनाएं सिरे चढ़ पाएं, इसकी आस बंधी है।

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योल-53 मील सड़क पर चलना हुआ दूभर

संवाद सहयोगी, योल : पिछले दिनों हुई बारिश से योल-53 मील सड़क पर वाहन तो क्या पैदल चलना भी दूभर हो गया है। तीन साल से सड़क के विस्तार का कार्य कछुआ चाल होने से सड़क के किनारे नालियों, पुलियों की खोदाई के कारण सड़क कीचड़ से लथपथ होकर रह गई है। योल के डेयरी फार्म, तंगरोटी से पंजपुली तक हाल बेहाल हो गया है। तंगरोटी की चढ़ाई में निर्माणाधीन पुल व साथ में बनन रही पुलियों के कारण हर समय किसी हादसे की आशंका बनी रहती है। लोगों ने लोक निर्माण विभाग से मांग की है कि बरसात से पूर्व विस्तारीकरण के कार्य को पूरा किया जाए। लोक निर्माण विभाग नगरोटा बगवां मंडल के अधिशाषी अभियंता सुरेश वालिया ने बताया कि 7.58 करोड़ की लागत से चल रहे विस्तारीकरण का कार्य युद्धस्तर पर जारी है और मई माह तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

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