भ्रामक व गलत सूचना देख पौंग झील में मछली पकड़ने पहुंच गए मछुआरे, लौटना पड़ा खाली हाथ Kangra News
Fishing in Pong Lake पौंग झील में मछली पकड़ने की रोक हटाना जब अफवाह निकली तो मछुआरों को मायूस होना पड़ा। मछुआरों को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से सूचना मिली कि पौंग झील में मछली पकड़ने पर रोक हटा दी गयी है।
नगरोटा सूरियां, जेएनएन। पौंग झील में मछली पकड़ने की रोक हटाना जब अफवाह निकली तो मछुआरों को मायूस होना पड़ा। मछुआरों को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से सूचना मिली कि पौंग झील में मछली पकड़ने पर रोक हटा दी गयी है। इस मैसेज से मछुआरों के चेहरे खिल उठे और मछुआरे शाम चार बजे अपनी नाव व मछली पकड़ने के जाल लेकर झील में पहुंच गए। कुछ मछुआरों ने झील में जाल भी बिछा दिए और कुछ बिछाने की तैयारी कर रहे थे। इतने में वन्यप्राणी विंग के कर्मचारी पहुंच गए और उन्होंने बताया पौंग झील में मछली पकड़ने पर रोक अभी नहीं हटी है और मछुआरों को वापस भेज दिया।
बाद में उन्हें टीम ने बताया कि उपायुक्त कांगड़ा ने सिर्फ चिकन, अंडे मछली इत्यादि बेचने पर से प्रतिबंध हटाया है। लेकिन झील से मछली पकड़ने पर अभी प्रतिबंध नहीं हटा है। यहां बता दें कि बर्ड फ्लू के कारण झील में पिछले 28 दिनों से मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा हुआ है।
मत्स्य विभाग के निदेशक सतपाल मेहता ने कहा उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है। उन्होंने भी इंटरनेट मीडिया पर ही पढ़ा है। मछुआरे की रोजी रोटी की चिंता में है तथा पिछले दो माह से वैसे ही मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। उन्होंने कहा इस विषय पर सरकार को रिपोर्ट भेजी है तथा मछुआरों के लिए राहत भत्ते की मांग की है। उधर इस विषय पर वन्य प्राणी विंग के डीएफओ राहुल रोहाणे ने बताया अभी प्रतिबंध नहीं हटा है और न ही इस विषय में उनके पास कोई भी पत्र नहीं आया है।