कोरोना ने सिखाया कारोबार का नया तरीका, अब वाट्सएप पर आ रही राशन की सूची, आनलाइन हो रही पेमेंट

MakeSmallStrong विश्वभर में फैली कोरोना महामारी ने लोगों को कारोबार का नया तरीका सिखा दिया है। अब वाट्सएप के माध्यम से ग्राहक सामान की लिस्ट राशन दुकानदार को भेज रहे हैं और सामान की आनलाइन पेमेंट कर रहे हैं।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Fri, 16 Oct 2020 12:30 AM (IST) Updated:Fri, 16 Oct 2020 12:30 AM (IST)
कोरोना ने सिखाया कारोबार का नया तरीका, अब वाट्सएप पर आ रही राशन की सूची, आनलाइन हो रही पेमेंट
शिमला में गंज बाजार के किरयाना कारोबारी उमेश कुठियाला।

शिमला, जागरण संवाददाता। विश्वभर में फैली कोरोना महामारी ने लोगों को कारोबार का नया तरीका सिखा दिया है। अब वाट्सएप के माध्यम से ग्राहक सामान की लिस्ट राशन दुकानदार को भेज रहे हैं और सामान की आनलाइन पेमेंट कर रहे हैं। वहीं कारोबारी अपनी और ग्राहक की सुरक्षा के लिए राशन घर पहुंचा रहे हैं। शिमला में गंज बाजार के किरयाना कारोबारी उमेश कुठियाला का कहना है 20 फीसद उनके ऐसे रूटीन ग्राहक हैं, जो सात महीने से घर से बाहर नहीं निकले हैं और उनकी ओर से ग्राहकों का आर्डर घर पहुंचाया जाता है। कोरोना काल के दौरान हालांकि व्यापार में मंदी छाई रही, लेकिन हिम्मत के साथ काम लिया और ग्राहकों का भरोसा नहीं टूटने दिया।

ग्राहकों की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए समय पर आर्डर पहुंचाए जाते हैं। हर महीने की पहली से लेकर दस तारीख के बीच आनलाइन खरीददारी करने वाले ग्राहक आर्डर प्लेस कर देते हैं और ग्राहकों को उसी दिन आर्डर घर पहुंचाए जाते हैं। इसके अलावा दुकान में रोजाना आवाजाही करने वाले ग्राहकों के लिए शारीरिक दूरी बनाए रखने की व्यवस्था की गई है और आनलाइन पेमेंट के लिए गूगल पे की सुविधा दी जा रही है, ताकि पैसों का नकद लेनदेन न हो और कोरोना संक्रमण न फैल सके। बाजार के आसापास रहने वाले ग्राहकों तक मजदूरों और शहर के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले ग्राहकों को वाहन के माध्यम से राशन पहुंचाया जा रहा है।

छोटे कारोबारियों नेे भी की आनलाइन पेमेंट की सुविधा शुरू

छोटे कारोबारियों ने भी आनलाइन पेमेंट की सुविधा शुरू कर दी है। लोअर बाजार, लक्कड़बाजार से लेकर शहर के विभिन्न उपनगरों में व्यापारी नकद पैसे के साथ आनलाइन पेमेंट का विकल्प दे रहे हैं। कारोबारियों का कहना है कि शिमला में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ गई है, इसलिए जगह-जगह लगे एटीएम में कई बार कैश उपलब्ध नहीं हो पाता। ज्यादा परेशानी शाम के समय होती है जब लोग वापस घरों की ओर जा रहे होते हैं और उन्हें किराने का सामान लेकर जाना है तो कैश की दिक्कत रहने से वे सामान नहीं ले पाते। ग्राहकों की इस परेशानी को दूर करने और उनका समय बचाने के लिए आनलाइन पेमेंट की व्यवस्था शुरू की है।

घर पर आया सामान सैनिटाइज जरूर करें

मौजूदा समय में शिमला में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। संक्रमण समुदाय में फैल रहा है। ऐसे में कोरोना से जितना बचाव हो सके उतना बेहतर है। रिपन अस्पताल के मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ डाक्टर अर्जुन का कहना है कि आनलाइन खरीददारी स्वास्थ्य की दृष्टि से सुरक्षित है। नकदी के लेन देन और दुकान पर जाकर सामान लेने से बढिय़ा है कि ग्राहक किराना स्टोर से होम डिलीवरी पर सामान मंगवाएं। इससे ग्राहक दुकान पर दुकानदार और अन्य ग्राहकों के संपर्क में नहीं आएंगे और खुद को व अपने परिवार को कोरोना से बचा सकेंगे। लेकिन मंगवाए गए समान को इस्तेमाल करने से पहले घर से बाहर सैनिटाइज जरूर कर लेना चाहिए। प्लास्टिक से पैक्ड जो सामान होगा उसे गर्म पानी या वाशिंग पाउडर से सैनिटाइज किया जाए, ताकि संक्रमण घर के अंदर न पहुंचे, क्योंकि सामान अन्‍य राज्यों व लेबर के माध्यम से घर पहुंचा होता है, इसलिए उसमें संक्रमण की आशंका रह सकती है।

बिना मास्क के ग्राहकों को नहीं देते सामान

शहर में किराना व्यापार से जुड़े ऐसे भी कारोबारी हैं, जोकि बिना मास्क के सामान खरीदने पहुंचे ग्राहकों को सामान देने से मना कर देते हैं। लक्कड़ बाजार के किराना व्यापारी अजय प्रसाद का कहना है बिना मास्क वाले ग्राहकों को सामान नहीं दिया जाता, कारोबार एक दिन नहीं हर रोज करना है। इसलिए संक्रमण से बचाव करने की जितनी जिम्मेदारी हमारी है, उतनी ही ग्राहक की भी है। घर पर बच्चे छोटे हैं और बुजुर्ग माता-पिता हैं, संक्रमण का खतरा मोल नहीं ले सकते। हालांकि अधिकतर ग्राहक मास्क पहनकर ही दुकान पहुंचते हैं। लेकिन आवाजाही कर रहे पर्यटक छोटी मोटी चीज लेने पहुंचते हैं तो उन्होंने मास्क नहीं पहने होते हैं।

कारोबार में आई गिरावट

किराना कारोबारियों का कहना है किराना कारोबार में लाकडाउन से लेकर अभी तक काफी गिरावट आई है। बड़े स्तर के समारोह व कार्यक्रम न होने के कारण राशन की खपत कम हो गई है। शादियां व भंडारे न होने के कारण कारोबार मंदा चल रहा है। लोग रोजमर्रा के जीवन में काम आने वाला राशन ही खरीद रहे हैं। हालांकि छोटे स्तर पर कार्यक्रम होते हैं तो राशन के सामान में खरीदारी बढ़ रही है। लेकिन कोरोना काल से पहले जैसा कारोबार नहीं हो रहा है।

chat bot
आपका साथी