43 हजार जेबीटी व सीएंडवी शिक्षकों को म्यूचअल तबादले में बड़ी छूट
राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 43 हजार शिक्षकों के अंतर जिला तबादलों की निर्धारित अवधि को कम करने की बरसों पुरानी मांग को पूरा कर दिया गया है। 25 हजार जेबीटी और 18 हजार सीएंडवी शिक्षक अब गृह जिलों में तबादले करवा सकेंगे।
शिमला, जागरण संवाददाता। राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 43 हजार शिक्षकों के अंतर जिला तबादलों की निर्धारित अवधि को कम करने की बरसों पुरानी मांग को पूरा कर दिया गया है। 25 हजार जेबीटी और 18 हजार सीएंडवी शिक्षक अब गृह जिलों में तबादले करवा सकेंगे। सरकार ने तबादलों पर लगाई 13 वर्ष की शर्त घटाकर अब पांच वर्ष कर दिया है। सीएंडवी और जेबीटी का जिला कैडर है। इसलिए अभी तक शिक्षकों की नियुक्ति करते समय पांच जिलों का विकल्प दिया था। गृह जिले में वापसी के लिए सरकार ने पहली नियुक्ति वाले स्कूल में न्यूनतम 13 साल सेवाएं देने की शर्त रखी थी। शिक्षक संगठन 13 वर्ष की अवधि को घटाने की लंबे समय से मांग कर रहे थे। सरकार ने स्थानांतरण कोटा को भी तीन वर्ष से बढ़ाकर पांच वर्ष कर दिया है। इसके अलावा अब जेबीटी व सीएंडवी शिक्षक सहमति से दूसरे जिला में तबादले करवा सकेंगे। इसके लिए कोई समय सीमा नहीं होगी। यानि शिक्षकों को दूसरे जिला में तबादला करवाने के लिए पांच वर्ष का इंतजार नहीं करना होगा। विकल्प होने पर वह कभी भी दूसरे जिला में तबादला करवा सकते हैं। यहां तक कि इसमें स्थानांतरण कोटे की भी जरूरत नहीं होगी।
सरकार की ओर से जारी निर्देशों में साफ है कि शिक्षक म्यूचल तबादला दूसरे जिले में करवा सकेंगे। इसमें समयावधि की कोई शर्त नहीं रहेगी। महज शिक्षक की तबादले के बाद वरिष्ठता पर असर पड़ेगा। महिला शिक्षिका की शादी के बाद दूसरे जिले में तबादले की भी पूरी छूट होगी।
सरकार ने दिव्यांग श्रेणी के शिक्षकों को भी राहत दी है। 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग शिक्षकों को भी अंतर जिला तबादलों में कोई समय सीमा नहीं होगी, लेकिन इसमें पांच प्रतिशत कोटा अनिवार्य रहेगा। यानि स्थानांतरण कोटा होने पर ही शिक्षक दूसरे जिला में तबादला करवा सकेगा। हालांकि इसमें अन्य शर्तें यथावत रखी गई हैं। बीते शुक्रवार को आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने यह निर्णय लिया था। अब इसकी अधिसूचना जारी कर जिला उप शिक्षा निदेशकों को सर्कुलर जारी कर दिया है। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री का आभार व्यक्त किया है। महासंघ के प्रांत उपाध्यक्ष डा. मामराज पुंडिर ने कहा कि यह कर्मचारी हितैषी फैसला है। प्रांत अधिवेशन में इस मामले को उठाया गया था, जिसे पूरा कर सरकार ने शिक्षकों को बड़ी राहत दी है।