टांडा में तीन पीजी कोर्स बंद होने का खतरा

---------------- तरसेम सैनी, टांडा (कांगड़ा) डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल क

By JagranEdited By: Publish:Mon, 16 Apr 2018 03:00 AM (IST) Updated:Mon, 16 Apr 2018 03:00 AM (IST)
टांडा में तीन पीजी कोर्स बंद 
होने का खतरा
टांडा में तीन पीजी कोर्स बंद होने का खतरा

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तरसेम सैनी, टांडा (कांगड़ा)

डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल कांगड़ा स्थित टांडा में तीन विभागों में पीजी कर रहे प्रशिक्षुओं के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा गए हैं। रेडियो डायग्नोसिस, एनेस्थीसिया व पैथोलॉजी विभाग के एमडी कोर्स यानी स्नातकोत्तर डिग्री को भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) से मान्यता नहीं मिली है, लिहाजा ये कोर्स बंद हो जाएंगे।

एमसीआइ ने स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा नियमों में संशोधन किया है। पांच अप्रैल को जारी अधिसूचना के अनुसार वर्तमान चल रहे पीजी कोर्सो के लिए मेडिकल कॉलेज अगर तीन साल के भीतर मान्यता प्राप्त नहीं कर पाते हैं तो चार साल के बाद संबंधित कोर्स बंद हो जाएंगे। ऐसे मामलों में केंद्र सरकार से स्नातकोत्तर डिग्री पाठ्यक्रम के सिर्फ पहले चार बैचों को भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम 1956 के तहत मान्यता देने की अनुशंसा की जाएगी। टांडा मेडिकल कॉलेज में एमडी रेडियो डायग्नोसिस 2011 में दो सीटों से शुरू हुई थी। 2012 में एक सीट और बढ़ा दी गई। मई में पांचवां बैच पासआउट हो जाएगा और आजकल नौवें बैच के लिए दाखिला प्रक्रिया चल रही है। विडंबना यह है कि अभी तक एमसीआइ से इस डिग्री को मान्यता नहीं मिल पाई है। यही हाल पैथोलॉजी व एनेस्थीसिया विभाग का है। पैथोलॉजी में 2012 से एक ही सीट है, जबकि एनेस्थीसिया विभाग में इस समय 13 सीटें हैं। एनेस्थीसिया विभाग में 2011 से पीजी करवाई जा रही है। पहले एक सीट शुरू करने की अनुमति मिली थी। 2012 में सीटों की संख्या बढ़कर पांच हो गई, जबकि 2017 में 13 सीटें पीजी की कर दी गई हैं, परंतु अभी तक इन्हें एमसीआइ से मान्यता नहीं मिली है। एमसीआइ की ओर से किए जाने वाले निरीक्षण के दौरान खामियां न सुधारने का असर अब दिख रहा है। सरकार व अस्पताल प्रशासन विभागों में एमसीआइ के नियमों के मुताबिक उपकरण व ढांचा ही नहीं जुटा पाया है। जिससे इतने साल बाद भी इन डिग्री कोर्सो को मान्यता नहीं मिल पाई है और अब इनके बंद होने का खतरा है। इससे पीजी प्रशिक्षुओं का भविष्य भी अधर में लटक गया है।

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एमसीआइ ने पीजी कोर्सो की मान्यता से संबंधित नियमों में क्या संशोधन किया है इस संबंध में अभी जानकारी नहीं है। पीजी कोर्सो के लिए एमसीआइ निरीक्षण के दौरान जो भी कमियां बताई जाती हैं उन्हें दूर करने का प्रयास अस्पताल प्रशासन कर रहा है। जहां तक बात उपकरण खरीदने की है तो विभाग के उच्चाधिकारियों के ध्यान में सारा मामला है।

-डॉ. रमेश भारती, प्राचार्य टांडा मेडिकल कॉलेज।

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