किसानों को डेयरी फार्मिग का प्रशिक्षण देगा कृषि विवि

चौधरी सरवण कुमार प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में भारतीय कृषि कौशल परिषद किसानों को डेयरी फार्मिंग के लिए तैयार करेगी। इसके लिए 25 दिवसीय ट्रे¨नग प्रोग्राम कृषि विवि में शुरू हुआ। ट्रे¨नग के बाद किसानों का मूल्यांकन किया जाएगा और उसके बाद इनको प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। इस ट्रे¨नग प्रोग्राम का शुभारंभ कुलपित प्रो.एके सरयाल ने किया। उन्होंने कहा कि भारत तथा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Nov 2018 10:22 PM (IST) Updated:Tue, 13 Nov 2018 10:22 PM (IST)
किसानों को डेयरी फार्मिग का प्रशिक्षण देगा कृषि विवि
किसानों को डेयरी फार्मिग का प्रशिक्षण देगा कृषि विवि

जागरण संवाददाता, पालमपुर : चौधरी सरवण कुमार प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में भारतीय कृषि कौशल परिषद किसानों को डेयरी फार्मिग का प्रशिक्षण देगा। इसके लिए 25 दिवसीय ट्रे¨नग प्रोग्राम कृषि विवि में शुरू हुआ। ट्रे¨नग के बाद किसानों का मूल्यांकन कर प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे। ट्रे¨नग प्रोग्राम का शुभारंभ कुलपित प्रो. एके सरयाल ने किया। उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए कौशल को बढ़ाया जाए। सरकार सबको सरकारी नौकरियां प्रदान नहीं कर सकती। लेकिन रोजगार भी सबके लिए जरूरी है। कुलपति ने कहा कि वे सफल उद्यमी बनने के लिए तन्मयता से पाठ्यक्रम पूरा करें। उन्होंने स्टार्ट अप इंडिया प्रोग्राम की भी जानकारी दी। इसमें विश्वविद्यालय उद्यमियों को एक वर्ष की लंबी अवधि का प्रशिक्षण प्रदान कर सकता है और सरकार से वित्तीय सहायता दिलवा सकता है। कुलपति ने देसी गाय व प्राकृतिक खेती के लाभों पर भी चर्चा की। कार्यक्रम में प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. यशपाल ठाकुर ने बताया कि भारतीय कृषि कौशल परिषद ने विश्वविद्यालय के लिए 11 उद्यमिता व कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रायोजित किए हैं और उनमें से कुछ प्रशिक्षण कार्यक्रम कृषि विज्ञान केंद्रों में ही संपन्न होंगे। इस अवसर पर डॉ. देवेश ठाकुर व डॉ. मनोज शर्मा ने भी विचार रखे। उद्घाटन समारोह में अधिकारियों, विभागाध्यक्षों, वैज्ञानिकों व कुछ विद्यार्थियों ने भाग लिया। ----------------

नर्सरी व मशरूम का दिया जाएगा प्रशिक्षण

डॉ. ठाकुर ने कहा कि 200 से 240 घंटों का प्रशिक्षण संपन्न होने के बाद प्रशिक्षणार्थियों के कौशल का मूल्यांकन किसी तीसरी पार्टी की ओर से किया जाएगा और उसके बाद प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे। आगामी पांच महीनों में मशरूम, पोल्ट्री, डेयरी, नर्सरी तैयार करने, मधुमक्खी पालन तथा कटाई उपरांत तकनीकों इत्यादि विषयों पर 14 प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे। ------------------

देसी गाय पालने को तवज्जो दें किसान डॉ. जीसी नेगी पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान महाविद्यालय के डीन डॉ. मनदीप शर्मा ने कहा कि पशुपालकों के प्रश्नों के उत्तर वैज्ञानिक देंगे। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि वे देसी गाय पालें क्योंकि भविष्य में इनके दूध की बहुत ज्यादा मांग होगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के कोर्स निदेशक डॉ. एके पांडा ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों के बीस किसान 25 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।

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